राष्ट्रीय

FCRA: विदेशी फंडिंग पर 6000 NGO को SC से नहीं मिली राहत

देशभर में काम कर रहे करीब 6000 NGO का विदेशों से चंदा लेने वाला FCRA लाइसेंस रद्द या रिन्यू नहीं करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान अंतिम आदेश देने से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संस्थाओं से कहा है कि उन्हें अपनी समस्याओं को पहले सरकार के पास लेकर जाना चाहिए जो कानून के अनुसार फैसले लेगी।

सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों वाली पीठ ने ये फैसला सुनाया। इससे पहले सोमवार को मामले में सुनवाई की जानी थी।

महीने की शुरूआत में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से 6000 एनजीओ पर असर डालने वाला फैसला लिया। फैसले के तहत, सरकार ने 179 संस्थाओं का फ़ॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट यानी (FCRA) का रजिस्ट्रेशन रद्द करने और 5,789 संस्थाओं का लाइसेंस रिन्यू नहीं करने का फैसला किया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस फैसले के बाद कई संस्थान अधर में अटक गए थे। जिसके बाद अमेरिका स्थित एनजीओ ‘ग्लोबल पीस इनिशयटिव’ ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी।

सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई का सबसे ज्यादा असर मदर टेरेसा द्वारा स्थापित मिशनिरीज़ ऑफ़ चैरिटी, ऑक्सफ़ैम इंडिया, जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसी संस्थाओं पर पड़ा है।

इसके अलावा आंध्र प्रदेश के गुंटूर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी RSS की मदद से काम करने वाली संस्था सेवा भारती और त्रिपुरा में ईसाई धर्मांतरण के विरोध में काम करने वाली संस्था भी इन संस्थानों में शामिल है।

यहां भी पढ़ें: 600 NGO के FCRA लाइसेंस रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

Related Articles

Back to top button