बीते 24 घंटों में कोरोना के 43,263 नए केस, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- दूसरी लहर से अबतक नहीं मिला छुटकारा

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कोरोना की दस्तक से लोग बेखौफ हैं लेकिन ताजा आंकडे डराने वाले है।  स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना के 43,263 मामले सामने आए हैं और 338 लोगों की मौत हुई है। देश में सक्रिय मरीजों की संख्या 3,93,614 है। देश में मौत का आंकड़ा 4,41,749 तक पहुंच गई है। गुरुवार को स्वास्थ्य ने प्रेस कॉफ्रेंस के जरिये इसकी सूचना दी।

स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कोरोना के टीकों की जानकारी साझा किया

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, ‘देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 43,263 केस रिपोर्ट किए गए। जिसमें केरल से 32,000 से अधिक केस आए। पिछले सप्ताह कुल मामलों के लगभग 68% मामले केरल से आए थे। कुल मिलाकर मामलें में गिरावट की प्रवृत्ति 50% से थोड़ी कम है जो पहली लहर में थी।

अभी तक दूसरी लहर का कहर

स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया, ‘हम अभी भी दूसरी लहर देख रहे हैं, यह खत्म नहीं हुआ है। टीकाकरण और कवरेज की गति तेजी से बढ़ रही है। देश में प्रतिदिन की औसत डोज मई में 20 लाख थी जो अब बढ़कर सितंबर में 78 लाख हो गई है। इस संख्या में और वृदधि की उम्मीद है। हमने मई के 30 दिनों की तुलना में सितंबर के पहले 7 दिनों में अधिक टीके लगाए हैं। पिछले 24 घंटों में 86 लाख खुराक दी गई। हमें त्योहारों से पहले टीकाकरण की गति बढ़ानी चाहिए। राज्यों और केंद्र को कमजोर आबादी के टीकाकरण करने के लिए विशेष रुप से काम करना चाहिए’।

COVID-19 वैक्सीन ट्रैकर देगा वैक्सीन डोज का अपडेट

प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान आईसीएमआर प्रमुख डॉ बलराम भार्गव  ने कहा,  ‘कोरोना के प्रसार से बचने के लिए त्योहारों को कम महत्वपूर्ण समारोहों के तौर पर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। हम एक COVID-19 वैक्सीन ट्रैकर विकसित कर रहे हैं जिसमें सहक्रियात्मक डेटा एक सप्ताह दर सप्ताह खुराक का अपडेट दे रहा है। यह कुछ ही दिनों में स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा’

वीके पॉल ने कहा-18 वर्ष से ऊपर 58% सिंगल डोज दी गई

नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि दो खुराक पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, 18 वर्ष से ऊपर 58% सिंगल डोज दी जा चुकी है, यह 100% होनी चाहिए। कोई भी न छूटे इसकी ओर हमारा ध्यान है।  लगभग 72 करोड़ वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।

उन्होंने आगे कहा, ‘स्कूलों को फिर से खोलने के लिए बच्चों के टीकाकरण कोई शर्त नहीं है। यह मानदंड दुनिया में कहीं भी स्वीकार्य नहीं है, कोई वैज्ञानिक निकाय इस शर्त  का समर्थन नहीं करता है, महामारी विज्ञान के सबूत इसे एक शर्त के रूप में सुझाते हैं। हालांकि, कर्मचारियों का टीकाकरण वांछनीय है।