एलोपैथी मामला: रामदेव बाबा ने ली सुप्रीम कोर्ट की शरण, देशभर में दर्ज सभी (FIR) को दिल्ली ट्रांसफर करने की अपील की

नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव पर एलोपैथी (allopathy) के खिलाफ बयान पर कई एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। रामदेव बाबा पिछले कई दिनों से अपनी टिप्पणियों को लेकर खड़े विवाद में फंसे हुए हैं। इस उलझन भरे चक्र-व्यूह से निपटने के लिए बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया है। बाबा रामदेव ने सभी शिकायतों को एक साथ करने की मांग की है।
बता दें कि हाल ही में योग गुरु बाबा रामदेव ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के दरबार में जाते हुए अपनी एलोपैथी टिप्पणी को लेकर अन्य राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर (FIR) को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है। साथ ही उन सभी शिकायतों के मामलों की कार्यवाही पर रोक लगाने की प्रार्थना करी है। दरअसल रामदेव ने कोरोना वायरस के उपचार प्रोटोकॉल (treatment protocol) पर डॉक्टरों की कथित तौर पर समीक्षा की थी।
रामदेव ने संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत रिट याचिका दायर कर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association-IMA) की पटना और रायपुर इकाइयों द्वारा दर्ज एफआईआर (FIR) की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने इस संबंध में दर्ज सभी एफआईआर (FIR) को दिल्ली की एक अदालत में तबादला (transferred) करने की गुहार लगाई है।
गौरतलब है कि आईएमए (IMA) की छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा एफआईआर (FIR) दर्ज करवाने के बाद रामदेव के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे। जिसमें रामदेव पर भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा-188, 269, 504 सहित आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
आईएमए (IMA) की शिकायत के मुताबिक, योग गुरु बाबा रामदेव पिछले एक साल से कथित तौर पर चिकित्सा बिरादरी (Alleged medical fraternity), भारत सरकार(Indian government), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research-ICMR) और अन्य फ्रंट लाइन संगठनों द्वारा कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण के इलाज में उपयोग की जा रही दवाओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत जानकारी का प्रचार फैलाव कर रहे हैं। वीडियो में रामदेव कथित तौर पर इस तरह की भ्रामक और बनावटी टिप्पणी की थी। जिसकी शिकायत दर्ज की गई है।