विदेश मंत्री S Jaishankar ने ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े युद्ध स्मारक का किया दौरा, बोले- सीमा पार आतंकवाद को लेकर हम गंभीर
नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री जयशंकर (Foreing Minister S Jaishankar) ऑस्ट्रेलिया (Australia) के दौरे पर हैं। साथ ही विदेश मंत्री के रूप में जयशंकर की ऑस्ट्रेलिया की यह पहली यात्रा है। विदेश मंत्री S Jaishankar ने क्वाड बैठक (Quad Meeting) में हिस्सा लेने के अलावा ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री पीटर डटन के साथ मुलाकात की। विदेश मंत्री ने ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े युद्ध स्मारक (Shrine of Remembrance) का दौरा भी किया।
शहीद सैनिकों की स्मृति को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण क्षण
विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreing Minister S Jaishankar) ने कहा आज ऑस्ट्रेलिया (Australia) के सबसे बड़े युद्ध स्मारकों में से एक श्राइन ऑफ रिमेंबरेंस का दौरा किया। शहीद सैनिकों की स्मृति को सम्मानित करने का यह एक महत्वपूर्ण क्षण। मेलबर्न में विदेश मंत्री S Jaishankar बोले मैं ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा सीमाओं को खोलने के फैसले का स्वागत करता हूं, जिससे उन लोगों की मदद मिलेगी जो भारत में वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, विशेष रूप से छात्रों और अस्थायी वीजा धारकों को। इस कदम की सराहना की जानी चाहिए।
सीमा पार आतंकवाद को लेकर हम गंभीर: विदेश मंत्री S Jaishankar
साथ ही एस जयशंकर (Foreing Minister S Jaishankar) ने कहा कि हम इंडो-पैसिफिक में व्यापक समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए अधिक विश्वसनीय और लचीला आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने आतंकवाद और उग्रवाद के बारे में भी चिंताओं को साझा किया। सीमा पार आतंकवाद को लेकर हम गंभीर हैं। बहुपक्षीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने और आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ावा देने का हमारा साझा प्रयास है।
एस जयशंकर (Foreing Minister S Jaishankar) बोले चीन द्वारा 2020 में सीमा पर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती न करने के लिखित समझौतों की अवहेलना के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। जब एक बड़ा देश लिखित प्रतिबद्धताओं की अवहेलना करता है, तो यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है। हमने(क्वाड) में भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की क्योंकि यह इस बात का हिस्सा था कि हमारे पड़ोस में क्या हो रहा है। इस बारे में हमने एक दूसरे को जानकारी दी। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें बहुत से देश वैध रूप से रुचि लेते हैं, खासकर यदि वे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से हैं।