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विज्ञान सर्वत्र पूज्यते: KIIT इंटरनेशनल स्कूल में सप्ताह व्यापी विज्ञान महोत्सव का हुआ उद्घाटन

भुवनेश्वर : आजादी का अमृत महोत्सव के एक हिस्से के रूप में, 22 फरवरी 2022 को KIIT इंटरनेशनल स्कूल में एक विज्ञान प्रदर्शनी, ‘अमृत महोत्सव साइंस शोकेस: रोडमैप टू 2047’ का उद्घाटन किया गया। सप्ताह भर चलने वाली प्रदर्शनी का आयोजन रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR), NIF, IMMT, STD (ओडिशा सरकार), ORSAC, ओडिशा विज्ञान अकादमी, IMA और KIIT-TBI के सहयोग से किया गया है।

अमृत महोत्सव साइंस शोकेस: रोडमैप टू 2047′ का उद्घाटन

उद्घाटन समारोह में एम के मिश्रा, सचिव, ई एंड आईटी और विज्ञान और प्रौद्योगिकी, ओडिशा सरकार, डॉ. पी. के. मलिक, अतिरिक्त पीसीसीएफ और मुख्य कार्यकारी, ORSAC; के. श्रीनिवासन, क्षेत्रीय अधिकारी, CBSE, भुवनेश्वर और डॉ अच्युता सामंत, संस्थापक, KIIT और KIIS मौजूद थे।

भुवनेश्वर के विभिन्न स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया

विभिन्न मिसाइलों के मॉडल – अग्नि, आकाश, पृथ्वी, ब्रह्मोस, अस्त्र, नाग, आदि – और आयुध प्रणाली (एमबीटी अर्जुन टैंक, आर्टिलरी गन) प्रदर्शनी में शामिल किए गए हैं। भुवनेश्वर के विभिन्न स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों ने इसमें भाग लिया है और लगभग 20 जमीनी स्तर के वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की, जिन्हें उनकी विशिष्टता के लिए नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन द्वारा सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम के लिए करीब 1200 प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराया है।

देश भर में 75 स्थानों पर ये महोत्सव मनाया जा रहा

दिल्ली में मुख्य कार्यक्रम के साथ देश भर में 75 स्थानों पर ये महोत्सव मनाया जा रहा है। देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और नवाचारों का लाभ जनता तक पहुंचे और समाज को विभिन्न समस्याओं को दूर करने में मदद मिले।

अब विज्ञान में प्रगति के कारण सभी को एक्सपोजर मिल रहा है

उद्घाटन समारोह में डॉ सामंत ने कहा, ‘यह विज्ञान, ज्ञान और अनुभव का युग है। उन्होंने कहा कि शुरुआती दिनों में छात्र केवल ज्ञान के लिए किताबों पर निर्भर थे, लेकिन अब विज्ञान में प्रगति के कारण सभी को एक्सपोजर मिल रहा है।’ उन्होंने कहा कि हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद से आगे बढ़ रहे हैं, जो हमें पिछले दो वर्षों में दुनिया भर में कोविड-19 महामारी से लड़ने में सक्षम बना रहा है।

तकनीक विज्ञान को आगे ले जाने का माध्यम

इस अवसर पर मिश्रा ने कहा कि विज्ञान विभिन्न चीजों की समझ है। तकनीक विज्ञान को आगे ले जाने का माध्यम है। विज्ञान आम लोगों के लिए होना चाहिए। आजकल टेक्नोलॉजी हमारे जीने का तरीका बन गई है। महामारी के दौरान सभी ने प्रौद्योगिकी के महत्व का अनुभव किया।

बढ़ने, जीने और विकसित होने के लिए विज्ञान की आवश्यकता

पी.के. मलिक ने कहा कि हमें बढ़ने, जीने और विकसित होने के लिए विज्ञान की आवश्यकता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मनुष्य के दो हाथ हैं। उन्होंने समझाया कि किसी चीज की कल्पना करना विज्ञान है, जबकि उसे वास्तविक बनाना तकनीक है। छात्रों को वैज्ञानिक सोच विकसित करनी चाहिए और इसका अभ्यास करना चाहिए। श्रीनिवासन ने कहा, ‘हमें अपने आस-पास की घटनाओं को समझने और अपने ज्ञान को सुधारने की आवश्यकता है। हमें बेहतर जीवन और समाज के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए।’ इस अवसर पर डॉ. मोनालिसा बल, चेयरपर्सन, KIIT इंटरनेशनल स्कूल और डॉ. संजय सुअर, प्रिंसिपल ने भी इस अवसर पर अपने व्यक्तव्य दिए।

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