Uttarakhand

Uttarakhand: जोशीमठ भू धंसाव की रिपोर्ट हुई सार्वजनिक, आठ बड़े वैज्ञानिक संस्थाओं ने किया था सर्वे

जोशीमठ में भू-धंसाव की रिपोर्ट सार्वजनिक हो चुकी है, जिसे आपदा प्रबंधन विभाग ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए भारत के 8 प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों ने जोशीमठ के भू-धंसाव के कारणों का अध्ययन किया था। यह रिपोर्ट करीब 700 पन्नों से अधिक की है और इसमें कई महत्वपूर्ण तथ्य दर्ज किए गए हैं।

यह आपको बताना चाहता है कि इस मामले पर अल्मोड़ा के पीसी तिवारी ने जनहित याचिका दायर की थी और हाईकोर्ट ने सरकार को यह आदेश दिया था कि वह इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करें। सभी वैज्ञानिक संस्थानों ने जोशीमठ में भू-धंसाव की रिपोर्ट को पहले ही सरकार को सौंप दिया था, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया था। इसके बाद, हाईकोर्ट ने सरकार को कहा कि ऐसे मामलों की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि लोगों को भी इसकी जानकारी हो सके, और अब सरकार ने जोशीमठ भू-धंसाव की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है।

आपको बताना दें रिपोर्ट में 7 मेग्नीट्यूड से अधिक भूकंप की संभावना भी वैज्ञानिकों ने जताई है वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इलाका MCT मैन सेंट्रल थ्रस्ट में आता है इसलिए भूकंप का खतरा हमेशा बना है वही रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि सीवेज सिस्टम नहीं होने से पानी सीधे चट्टानों में जा रहा है जिसकी वजह से भू धसाव हो रहा है, जमीन में 30 मीटर तक पानी रिस रहा है प्राकृतिक जल स्रोतों ने भी अपना रास्ता बदला है। बड़ी बात ये है को रिपोर्ट में अलकनंदा नदी पर एनटीपीसी की 520 मेगावाट विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को ”क्लीन चिट’ दी है।

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