यूपी में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए लॉन्च हुआ Trinetra 2.0, जानिए कैसे टेक्नोलॉजी आएगी पुलिस के काम

Trinetra 2.0: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सॉल्यूशन कंपनी Staqu Technologies ने आज एक नई टेक्नोलॉजी की शुरूआत की है। कंपनी ने एआई पावर्ड क्राइम जीपीटी Trinetra 2.0 लॉन्च किया है। इस टूल की मदद से यूपी सरकार और स्पेशल टास्क फोर्स प्रदेश की सिक्योरटी को और मजबूती देंगे। इस क्राइम जीपीटी लॉन्च से यूपी पुलिस को अपराधियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी।
Trinetra 2.0: DGP ने की तकनीक की शुरुआत
यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार और एडीजी कानून व्यस्था अमिताभ यश ने इस त्रिनेत्र 2.0 तकनीक की शुरुआत की। लॉन्चिंग के साथ ही उन्होंने कहा कि ‘हम नई टेक्नोलॉजी शुरू कर रहे हैं इस पर हम बड़े काम कर रहे हैं त्रिनेत्र 2.0, क्राइम जीपीटी,फीचर से अपराधी के बारे में या अपराध के बारे में सभी जानकारी AI के माध्यम से पता कर लेगी।
यदि कोई व्यक्ति मौके पर गिरफ्तार किया गया है तो एआई तकनीक से उस व्यक्ति की जांच कर सकते हैं । इसकी उपयोगिता बहुत अधिक है, किसी की फोटो अगर हम लेते हैं तो उसके बारे में तुरंत जानकारी मिलेगी इसके साथ-साथ पुलिस थानों में मालखानों में रखे सामान भी इसमें अपलोड किया जाएगा, जिससे समान की जानकारी तुरंत पता चल जाएगा।’
ऐसे काम करता है त्रिनेत्र 2.0
बता दें कि Crime GPT त्रिनेत्र 2.0 (Trinetra 2.0) एक अलग तरीके से काम करता है। ये आपराधिक डेटाबेस निकालने के लिए लिखित और ऑडियो इनपुट का इस्तेमाल करता है और इन इनपुट के आधार पर ही रिजल्ट्स तैयार करता है। अगर पुलिस को किसी अपराधी के बारे में पिछले दो वर्ष में किए गए अपराध के बारे में जानकारी प्राप्त करनी है, तो उन्हें बस एक लिखित या ऑडियो संदेश क्वेरी दर्ज करनी होगी। ऐसा करते ही डेटाबेस से जुड़कर प्रोग्राम को जरूरी प्रोग्राम तुरंत मिल जाते हैं। इसमें आपराधिक गिरोह विश्लेषण, स्पीकर पहचान, आवाज पहचान, चेहरे की पहचान और कई चीजें शामिल हैं।
स्टैक पहला भारतीय स्टार्टअप
बता दें कि स्टैक पहला भारतीय स्टार्टअप था, जिसने पहले उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से 9,00,000 से अधिक अपराधियों का डेटाबेस बनाया था। क्राइम जीपीटी त्रिनेत्र के लॉन्च पर Staqu टेक्नोलॉजी के को-फाउंडर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिर अतुल राय ने जानकारी देते हुए कहा कि हमारा विजन सिक्योरिटी स्ट्रक्चर को मजबूत बनाना है और इसको आगे बढ़ाने के लिए क्राइम जीपीटी अच्छी भूमिका निभाता है। इसके जरिये डिजिटल क्रिमिनल डेटाबेस तैयार किए जाते हैं।
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