दलितों और पिछड़ों के लिए अच्छे दिन की बजाय बुरे दिन जैसी स्थिति बनती जा रही, मायावती का बीजेपी पर तंज

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दलितों और पिछड़ों के लिए अच्छे दिन की बजाय बुरे दिन जैसी स्थिति बनती जा रही, मायावती का बीजेपी पर तंज

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UP News : भारत रत्न और संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर बसपा प्रमुख मायावती ने उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए देशभर में मनाए गए कार्यक्रमों के लिए समर्थकों और कार्यकर्ताओं का आभार जताया है। मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर बाबा साहेब को याद किया और वर्तमान हालात पर चिंता भी जताई।

बसपा प्रमुख मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा संविधान निर्माता भारतरत्न बोधिसत्व परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को आज उनकी जयंती पर अम्बेडकरवादी पार्टी बीएसपी के तत्वावधान में पूरे देशभर में उन्हें शत्-शत् नमन, माल्यार्पण व अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए। इसके लिए सभी लोगों का तहेदिल से आभार व धन्यवाद।

अंबेडकरवादी बनने की सलाह दी

मायावती ने अपने दूसरे पोस्ट में दलितों पिछड़ों आदिवासियों और समाज के वंचित लोगों को मिशनरी अंबेडकरवादी बनने की सलाह दी। मायावती ने कहा कि समाज में फैले अन्याय और शोषण से छुटकारा तभी संभव है जब ये वर्ग आपस में एकजुट होकर राजनीतिक शक्ति हासिल करें। मायावती ने लिखा जुल्म-ज्यादती और अन्याय आदि से मुक्ति पाकर शासक वर्ग बनने की शक्ति इन वर्गों की आपसी एकता व सत्ता की मास्टर चाबी की प्राप्ति में ही है।

बीजेपी सरकार और कांग्रेस पर हमला बोला

बसपा प्रमुख मायावती ने अपने तीसरे पोस्ट में केंद्र की बीजेपी सरकार और कांग्रेस पर हमला बोला। मायावती ने कहा कि बहुजनों की सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक स्थिति दोनों ही शासनकाल में अत्यंत खराब रही है। मायावती ने आरक्षण के अधिकारों पर हो रहे सुनियोजित का आरोप लगाते हुए कहा कि दलितों और पिछड़ों के लिए अच्छे दिन की बजाय बुरे दिन जैसी स्थिति प्रतिदिन बनती जा रही है।

देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए

बता दें कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर बसपा ने देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए। बसपा कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग शहरों कस्बों और गांवों में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उनके योगदान को याद किया। बसपा हर साल 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जयंती को बड़े पैमाने पर मनाती है क्योंकि अंबेडकर न सिर्फ दलित समाज के अधिकारों के लिए लड़ने वाले प्रमुख नेता थे बल्कि उन्होंने भारत के संविधान की रचना कर देश को लोकतांत्रिक दिशा दी।

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