कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली और मुंबई में किन परिस्थितियों में मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, जानिए जारी की गई गाइडलाइंस
नई दिल्ली: राष्ट्र राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के चलते सार्वजनिक स्थानों पर गणेश चतुर्थी समारोहों के आयोजन की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों को अपने घरों में त्योहार मनाने की सलाह दी है। क्योंकि यह फैसला कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए और लागू पाबंदियों को देखते हुए लिया गया है।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, सभी जिलाधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों एंव संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि भगवान गणेश की मूर्ति किसी तंबू या किसी सार्वजनिक स्थान पर स्थापित न हो। साथ ही इस संबंध में किसी भी जुलूस की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। वहीं, सभी दिल्लीवासियों से अपील की गई है कि वे इस त्योहार को अपने घरों में ही मनाएं।
मालूम हो कि, अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी धार्मिक और सामाजिक स्थान पर लोगों का जमावड़ा न हो। प्राधिकरण ने जिला अधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों को गणेश चतुर्थी से पहले धार्मिक और सामुदायिक नेताओं और गणेश चतुर्थी उत्सव समितियों की बैठकें बुलाने और कानून व्यवस्था और सद्भाव बनाए रखने के लिए उनका सहयोग लेने का भी निर्देश दिया है।
मुंबई में जारी दिशा-निर्देश
जानकारी के मुताबिक, बीएमसी (BMC) ने इस वर्ष मंडलों से सोशल मीडिया और ब्रॉडकास्ट चैनल के जरिए भक्त दर्शन करेंगे। गणेश प्रतिमा लाते समय 10 से अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकते। वहीं, मूर्ति चार फीट से ज्यादा लंबी नहीं हो सकती। इसके अलावा गणेश प्रतिमा लेने वालों के लिए अपनी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेना अनिवार्य होगा। और वैक्सीन की दूसरी खुराक करीब 15 दिन पहले होनी चाहिए।
बता दें कि गणेश चतुर्थी के दौरान जुलूस निकालने पर रोक रहेगी। अगर घर में गणेश चतुर्थी मना रहे हैं तो उसके लिए भी पांच लोग ही गणेश प्रतिमा लेने जा सकेंगे। लेकिन उनकी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेना भी जरूरी होगा। वहीं मूर्ति की ऊंचाई भी सिर्फ दो फीट ही रखी जा सकती है। साथ ही गणेश विसर्जन या तो घर पर या राज्य सरकार द्वारा बनाए गए आर्टिफिशियल तालाब में ही करना होगा।
मालूम हो कि, यदि किसी कंटेनमेंट जोन में सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया जाएगा तो मंडलों को मूर्ति को मंडप में ही विसर्जित करना होगा। अगर सील्ड बिल्डिंग में गणेश उत्सव मनाया जा रहा है तो लोगों को मूर्ति को घर में ही विसर्जित करना होगा। इस वर्ष वृद्ध या बच्चे नहीं बन सकेंगे विसर्जन का हिस्सा, उन्हें घर पर ही रहना होगा।