कन्हैया मर्डर केस: इस्लामी जिहादियों के समर्थक को भी दिया जाय आतंकवादी का दर्जा

नई दिल्ली। इस्लाम के नाम पर पूरी दुनियां में हिंसा फैलाने वाले आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सामाजिक संस्थाओं में भी बहुत आक्रोश है। आतंकवादी संगठनों के खिलाफ किसी मुस्लिम धर्मगुरु और उनकी संस्था ने आज तक कोई फतवा न जारी किया और न ही उनके खिलाफ खड़े हुए। कट्टरपंथी मौलानाओं ने हिन्दुस्तान के खिलाफ जंग छेड़ दी है। ये भारत को इस्लामी देश बनाना चाहते हैं।
उदयपुर में, कन्हैया लाल की गला काटकर लोमहर्षक हत्या इस्लामी आतंकवाद का क्रूरतम चेहरा है। इस घटना से नाराज सामाजिक संगठनों ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए लमही के सुभाष मंदिर में मुस्लिम महिला फाउण्डेशन, विशाल भारत संस्थान और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव के नेतृत्व में धरने पर बैठकर क्रूर आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया।
मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी, सुभाषवादी नेता नजमा परवीन, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पूर्वांचल संयोजक मो० अजहरुद्दीन, काशी प्रांत संयोजक मौलाना शफीक अहमद मुजद्दीदी, विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव अर्चना भारतवंशी ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ मौन चीत्कार धरना दिया।
हाथों में तख्तियां लेकर धरने पर बैठे सामाजिक संगठनों के नेताओं ने एक स्वर में उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या करने वालों और उनके ज्ञात अज्ञात समर्थकों और सहानभूति रखने वालों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की। तख्ती पर लिखा था– कन्हैया लाल हम तुम्हारी हत्या भूल नही पाएंगे, आतंकवादियों तुम्हारी कब्र खुदेगी हिन्दुस्तान की धरती पर।