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राजस्थान में बीजेपी ने खेला ‘हिंदुत्व कार्ड’, मुस्लिम सीटों पर संतो को दिया टिकट

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Rajasthan : राज्य की सत्ता में वापसी के लिए भाजपा ने बड़ा दांव चल दिया है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी किसी भी  प्रकार का कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। जिसके लिए भाजपा ने सिर्फ चुनाव प्रचार में ही नहीं बल्कि आक्रामक हिंदुत्व का एजेंड़ा सेट करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा है. बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में अभी तक 184 कैंडिडेटस के नामों का ऐलान किया है, जिसमें मंदिरों और मठों से जुड़े महंत-संत और भजन गायको को टिकट दिया है. बीजेपी ने महंत-संतों को मुस्लिम बहुल सीट पर प्रत्याशी बनाकर ‘हिंदुत्व’ का दांव चला है. एक सीट पर तो मुस्लिम धर्मगुरु के बेटे और हिंदू महंत के बीच फाइट है. इसके अलावा एक सीट पर कांग्रेस के मुस्लिम प्रत्याशी बनाम बीजेपी के महंत के बीच मुकाबला है. इस तरह बीजेपी ने हिंदुत्व का एजेंडा सेट करने की रणनीति बनाई है.

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इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने जयपुर की हवा महल सीट से बालमुकुंद आचार्य को प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं अगर बालमुकुंद आचार्य की बात की जाए तो वह जयपुर की बालाजी हाथोज धाम के महंत हैं। वे हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए लम्बे समय से आंदोलन करते आए हैं। राजस्थान में उनकी बड़ी पहचान है। जयपुर के परकोटा क्षेत्र में बाल मुकुंद आचार्य ने ऐसे सैकड़ों स्थान बताए हैं, जंहा पहले मंदिर थे जिन्हें अब नष्ट कर दिया गया है। वे यह भी दावा कर रहे हैं कि उनके पास सैकड़ों मंदिरों के होने के प्रमाण मौजूद हैं।

हिंदुओं के पलायन के पोस्टर लगे थे।

ऐसा कहा जाता है कि राजस्थान के जयपुर में हिंदुओं के पलायन का मुद्दा पिछले दिनों सुर्खियों में रहा है। साथी ही ये भी ख़बर है कि राजस्थान के परकोटे में हिन्दुओं द्वारा मुस्लिमों को मकान बचे गए थे। यंहा तक कि परकोटे की कई गलियों में हिंदुओं के पलायन के पोस्टर लगे थे। ऐसे मामलों में बाल मुकुंद आचार्य भी हिन्दुओं के समर्थन में डटकर खड़े होते रहे हैं।

धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण

ऐसा कहा जा रहा हैं कि बीजेपी हिंदुत्व का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही हैं। आइए जानते है कैसे ? अगर राजस्थान की परकोटे क्षेत्र कि बात कि जाए तो वहां मुस्लिम आबादी काफी है। साथ  ही हिन्दू  की कई जातियां है जैसे ब्राह्मण और बनियों की संख्या जाता है। फिर भी भाजपा ने हिंदुओं पर ज्यादा ध्यान दिया हैं। भाजपा ने बड़ी ही चालाकी से बाल मुकुंद आचार्य को प्रत्याशी घोषित किया है, क्योंकि परकोटे क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में पुराने मंदिर है,जहां लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। ऐसे में बाला मुकुंद आचार्य को प्रत्याशी घोषित करने से बीजेपी को बड़ा फायदा हो सकता हैं।

वहीं , कांग्रेस की बात की जाए तो वह भाजपा जैसे ही विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व का दांव खेलने से पीछे नहीं है। बता दें कि कांग्रेस ने इस बार के विधानसभा चुनाव में मालवीनगर से आचार्य धर्मेंद्र की पुत्रवधु अर्चना शर्मा को प्रत्याशी बनाया है. साथ ही अनादि सरस्वती को सीएम गहलोत ने गुरुवार को कांग्रेस में शामिल कराया है और अब अनुमान है कि कांग्रेस अनादि सरस्वती को अजमेर उत्तर पार्टी से टिकट दे सकती है। इस तरिके से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजस्थान चुनाव में ‘हिंदुत्व कार्ड’ खेल रहें है। ऐसे में अब देखना है कि दोनों विपक्षी दलों की संत पॉलिटिक्स क्या कमाल दिखाती हैं।

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