महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के कार्यक्रम में शामिल सीएम, CDS बिपिन रावत को दी श्रद्धांजलि

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री व विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन में शामिल हुए।
इस दौरान महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद, गोरखपुर के संस्थापक सप्ताह समारोह-2021 के समापन कार्यक्रम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्बोधित किया।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा लंबे समय के मुगलिया शासन के उपरांत, अंग्रेजी शासन के दौरान क्या स्थिति बनी होगी, देश की क्या स्थिति रही होगी, याद कीजिए इस पीठ की यही परंपरा रही है, कि जब-जब विपदा पड़ी है तो उन्होंने समय-समय पर समाज को जाग्रत करने का काम किया है। ठीक एक साल पहले सीडीएस बिपिन रावत जी का यहां पर आगमन हुआ था। आज उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए मन भर आया। उनका एक भाषण पढ़ रहा था कि सेना में ज्वाइन करना एक नौकरी नहीं है। बल्कि उसका मकसद खुद को देश के लिए समर्पित करना है।
उन्होनें कहा कि लंबे समय के मुगलिया शासन के उपरांत, अंग्रेजी शासन के दौरान क्या स्थिति बनी होगी, देश की क्या स्थिति रही होगी, याद कीजिए इस पीठ की यही परंपरा रही है, कि जब-जब विपदा पड़ी है तो उन्होंने समय-समय पर समाज को जागृत करने का काम किया है। अभी जैसे पानी नल में आ रहा है उसी तरह जल्द ही घर-घर गैस भी पहुचेगी। ये संभव हो सका है तो यहां पर खाद कारखाना शुरू हुआ, जो दशकों से बंद था।
साथ ही केंद्रीय मंत्री बोले इस देश में बहुत लोग गरीब हटाओ, गरीबी मिटाओ का नारा दिए, लेकिन वो सब भाषणों में रहा। इसी गोरखपुर में खाद कारखाना था और बंद हुआ था, लेकिन आज खाद कारखाना चालू हो गया, यहां नल से पानी आता है और जल्द ही रसोई की गैस भी पाइप से आयेगी।
कोई भी समाज बगैर शिक्षा के समृद्ध हो ही नहीं सकता। क्योंकि शिक्षा ग्रहण करने के बाद ही छात्र एक जीवन से दूसरे जीवन में जाता है: मुख्यमंत्री
सीएम योगी इस दौरान बोले उस काल में बहुत सारे राजा महाराजा थे। कई देशों ने तो विदेशी आक्रांताओं की स्वाधीनता स्वीकार की लेकिन महाराणा प्रताप ने कहा ये नहीं हो सकता। स्वदेश और स्वाभिमान से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता। वह आजीवन लड़ते रहे। भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने 7 दिसंबर को अपना अंतिम वक्तव्य दिया था, जो एक दूरदर्शी व्यक्ति की सोच को प्रदर्शित करता है।