आज से हो रहे ये 6 बड़े बदलाव, आपकी जेब पर पड़ेगा असर

Share

आज से यानी एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष 2023-2024 की शुरुआत हो चुकी है। नए वित्त वर्ष के आगाज के साथ ही कई सारे नियम बदल गए हैं। नियमों में बदलाव का असर आपकी जेब पर पड़ेगा। आज से नई इनकम टैक्स रिजीम के नए स्लैब लागू हो गए हैं। देश में गोल्ड की बिक्री को लेकर भी आज से नए नियम प्रभावी हो रहे हैं। इसके अलावा और भी कई बदलाव आज से हुए हैं।

आज से इनकम टैक्स छूट की सीमा पांच लाख रुपये से बढ़कर साल रुपये हो गई है। हालांकि, ये लाभ नई टैक्स रिजीम चुनने वाले को मिलगा। नई टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत टैक्स छूट को 12,500 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है। नई रिजीम के तहत सात लाख रुपये तक की कमाई पर जीरो टैक्स का लाभ लेने वाले को 80C को तहत मिलने वाली छूट का फायदा नहीं मिलेगा।

एक अप्रैल 2023 यानी आज से गोल्ड की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है। आज से सिर्फ 6 अंक वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही मान्य होंगे। 4 अंकों के हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेश वाली ज्वैलरी की बिक्री अब नहीं हो सकेगी।

आपको बता दें कि आज से देश के हाइवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करना महंगा हो सकता है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-9 पर आज से करीब 10 फीसदी टोल टैक्स में बढ़ोतरी हो गई है। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर भी टोल की दर बढ़ाने का ऐलान हो चुका है। इस एक्सप्रेसवे पर अब सफर करने के लिए 18 फीसदी अधिक टोल चुकाना होगा। प्रत्येक वित्त वर्ष की शुरुआत में टोल टैक्स में बदलाव किया जाता है।

इसके साथ ही आज से स्मॉल सेविंग में निवेश करने वालों को डिपॉजिट पर अधिक ब्याज मिलेगा। सरकार ने अप्रैल-जून 2023 की तिमाही के लिए ब्याज दरों में इजाफा किया है। छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 70 बेसिस प्वाइंट (BPS) का इजाफा किया है। वित्त मंत्रालय ने जारी एक नोटिफिकेशन में कहा कि सीनियर सिटीजन स्कीम, मंथली इनकम स्कीम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्कीमों की ब्याज दरों में इजाफा किया गया है।

इसके अलावा ए फाइनेंसियल ईयर यानी एक अप्रैल से डेट म्यूचुअल फंड्स में किए गये निवेश पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के तहत टैक्स लगेगा। सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स को खत्म कर दिया है। 36 महीने से पहले डेट म्यूचुअल फंड के रिडिम के बाद अगर कोई यूनिट्स की सेल करता है, तो होने वाले मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स लगता है, लेकिन 36 महीने से अधिक की होल्डिंग के बाद यूनिट्स बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स लगता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अन्य खबरें