काबुल में किए ड्रोन हमले पर अमेरिका ने मांगी माफी, गलती से मार दिए 7 बच्चों समेत 10 आम नागरिक

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अफगानिस्तान। अमेरिका ने 29 अगस्त को काबुल में किए गए ड्रोन हमले पर माफी मांगी है। इस हमले में 7 बच्चों समेत 10 अफगानी नागरिकों की जान गई थी। अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंजी ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ‘अमेरिका की खूफ़िया एजेंसी को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली थी कि ISIS  काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाला है, इसलिए ISIS के संदिग्ध ठिकानों को निशाना बनाकर ड्रोन हमले किए गये थे।‘

इस हमले की जांच के बाद अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने अफसोस जाहिर हुए कहा कि ‘काबुल में किए गए ड्रोन हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। हम क्षमाप्रार्थी हैं और वादा करते हैं कि हमसे हुई इस बड़ी गलती से सबक लेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार मृतकों के परिवारों की क्षतिपूर्ति करने की कोशिश करेगी, लेकिन अभी वह स्थितियों का आंकलन कर रही है।

ISIS की संदिग्ध कार को 8 घंटे तक किया ट्रैक

मैकेंजी ने कहा कि ‘अमेरिकी खूफ़िया एजेंसी ने सेना को एक लोकेशन का एड्रेस दिया था और कहा था कि ‘ISIS एक सफेद रंग की टोयोटा कोरोला इस्तेमाल कर रहा है, उस पर नजर रखें। इसके बाद अमेरिकी सेना ने उस संदिग्ध टोयोटा कार को 8 घंटे तक ट्रैक किया और फिर तय किए गए इलाके में कार के पहुंचने पर ड्रोन हमला कर दिया।  लेकिन इस जानकारी के बारे में इंटेलीजेंस गलत साबित हो गया।

कार में विस्फोटक होने की आशंका थी लेकिन पानी के कैन निकले

मैकेंजी ने बचाव करते हुए भी कहा है कि काबुल एयरपोर्ट पर ISIS के हमले के खतरे को ध्यान में रखकर ड्रोन स्ट्राइक की गई थी। इसके अलावा जिस वक्त ड्रोन स्ट्राइक का फैसला लिया गया था, तब उस लोकेशन पर कोई आम नागरिक नजर नहीं आया था।

अमेरिकी अधिकारियों को आशंका थी कि उस संदिग्ध कार में विस्फोटक सामग्री थी, लेकिन जांच रिपोर्ट में सामने आया कि उस गाड़ी में पानी के कैन रखे हुए थे।

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