मानहानि मामले में राहुल गांधी को SC से मिली राहत, ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर लगाई अंतरिम रोक

Supreme Court

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Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी। कोर्ट ने झारखंड सरकार और स्थानीय बीजेपी नेता को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है।

मानहानि मामले में कांग्रेस सासंद राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर अगले आदेश तक अंतरिम रोक लगा दी है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने मामले को रद्द करने की मांग वाली गांधी की याचिका पर झारखंड सरकार व शिकायतकर्ता से भी जवाब मांगा है।

ऐसा करना स्वीकार्य नहीं है

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस बात पर कहा कि शिकायत किसी तीसरे पक्ष की तरफ से दायर की गई थी और मानहानि के अपराध के मामले में ऐसा करना स्वीकार्य नहीं है। सिंघवी ने पूछा, यदि आप पीड़ित व्यक्ति नहीं हैं, तो आप शिकायत दर्ज करने के लिए प्रॉक्सी कैसे प्राप्त कर सकते हैं?

शामिल होने का आरोप लगाया

मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार व शिकायतकर्ता नवीन झा को नोटिस भेजा है। ये मामला तब सामने आया जब बीजेपी नेता नवीन झा ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी ने 18 मार्च 2018 को बीजेपी की आलोचना करते हुए भाषण दिया और गृह मंत्री अमित शाह पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। शुरूवात में रांची की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने नवीन झा की शिकायत को खारिज कर दिया, जिसके बाद उन्होंने रांची में न्यायिक आयुक्त के समक्ष एक पुनरीक्षण याचिका दायर की।

आदेश जारी करने का निर्देश दिया

पन्द्रह सितंबर 2018 को रांची में न्यायिक आयुक्त ने शिकायत याचिका को खारिज करने वाले आदेश को पलट दिया और इसे मजिस्ट्रेट कोर्ट में वापस भेजा। न्यायिक आयुक्त ने मजिस्ट्रेट को रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्य की दोबार से समीक्षा करने और मामले को आगे बढ़ाने के लिए प्रथम दृष्टया सामग्री के निर्धारण के संबंध में एक नया आदेश जारी करने का निर्देश दिया।

हाईकोर्ट का रुख किया

इसके बाद मजिस्ट्रेट ने 28 नवंबर 2018 को एक नया आदेश पारित किया और निष्कर्ष निकाला कि भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 500 के तहत राहुल गांधी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला स्थापित करने के लिए पर्याप्त सबूत थे। मजिस्ट्रेट ने राहुल गांधी को हाजिर होने के लिए एक समन जारी किया। राहुल गांधी ने इसके बाद रांची न्यायिक आयुक्त के 15 सितंबर, 2018 के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया।

प्रथम दृष्टया अपमानजनक हैं

हाईकोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी के बयान भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 499 के तहत प्रथम दृष्टया अपमानजनक हैं। प्रथम दृष्टया बयान से ऐसा लगता है कि राहुल गांधी का आशय यह है कि बीजेपी का नेतृत्व सत्ता के नशे में चूर है और इसमें धोखेबाज व्यक्ति शामिल हैं।

राहुल गांधी ने याचिका में झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। हाई कोर्ट ने मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार किया था बीजेपी कार्यकर्ता नवीन झा ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

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