तमिलनाडु में मुख्यमंत्री बनाम राज्यपाल मामले पर सुप्रीम कोर्ट आया सामने, कहा – राज्यपाल मुख्यमंत्री से मिलकर विवाद सुलझाएं
गैर बीजेपी शासित राज्यों में मुख्यमंत्री बनाम राज्यपाल के बीच चलने वाले विवाद में अब एक बार फिर से देश के सुप्रीम कोर्ट को सामने आना पड़ा है, जहां तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को राज्य के राज्यपाल द्वारा लंबित रखने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल को मुख्यमंत्री से मिलकर विवाद सुलझाने की सलाह दी हैं।
मामले की सुनवाई करते हुए SC ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि आप तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि से कहिए कि मुख्यमंत्री से मिलकर वह इस समस्या का जल्द समाधान निकालें। संविधान के अनुच्छेद 200 का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा कि राज्यपाल के कार्यालय द्वारा लौटाये जाने पर जिन विधेयकों को विधानसभा ने पुन: अपनाया है, उन्हें राज्यपाल राष्ट्रपति को नहीं भेज सकते।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्य बेंच जिसमें प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे तमिलनाडु सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थे जिसमें एम के स्टालिन सरकार ने राज्यपाल रवि द्वारा विधेयकों को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया था।
राज्यपाल सीएम से मिलकर विवाद सुलझाए – SC
पीठ ने कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि राज्यपाल गतिरोध को सुलझा लें. यदि राज्यपाल मुख्यमंत्री के साथ गतिरोध को सुलझा लेते हैं तो हम इसकी प्रशंसा करेंगे. मुझे लगता है कि राज्यपाल आर एन रवि को मुख्यमंत्री को आमंत्रित करना चाहिए और वे बैठ कर इस बारे में चर्चा करें.”
राज्यपाल के पास 12 विधेयक लंबित
बता दें कि तमिलनाडु में राज्यपाल आर एन रवि बनाम मुख्यमंत्री एम के स्लाटिन का आपसी विवाद कोई नया नहीं है, जानकारी के मुताबिक राज्यपाल के पास 12 विधेयक लंबित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को ”गंभीर चिंता का विषय” बताया है जहां पीठ ने सुनवाई के लिए 11 दिसंबर की तारीख तय की है।
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