वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट, निवेशकों में बढ़ी चिंता

वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट
Stock Market Update : मंगलवार को दुनियाभर के बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली, जिससे भारतीय शेयर बाजार भी अछूता नहीं रहा। सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि निवेशकों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंता जताई। जब संभावित मंदी को लेकर ट्रंप से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था संक्रमण के दौर से गुजर रही है। इस बयान के बाद वैश्विक निवेशकों के मन में यह सवाल उठने लगे कि क्या मौजूदा हालात दुनिया को मंदी की ओर धकेल रहे हैं? हालांकि, भारतीय शेयर बाजार के विशेषज्ञ इस पर अलग राय रखते हैं।
क्या कहते हैं मार्केट एक्सपर्ट?
शेयर बाजार विश्लेषक संदीप जैन का मानना है कि मौजूदा गिरावट को मंदी के संकेत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह अमेरिकी टैरिफ वॉर का अस्थायी प्रभाव है, जो लंबे समय तक नहीं टिकेगा। जैन के अनुसार, ट्रंप की टैरिफ बढ़ाने की नीतियों से अंततः अमेरिका को ही नुकसान झेलना पड़ सकता है। यदि अमेरिका अपने टैरिफ नियमों को लेकर अड़ा रहता है, तो इसका घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध शुरू हो सकता है, जिससे अमेरिकी बाजार पर दबाव बढ़ेगा और वैश्विक बाजार को राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। बाजार जल्द ही पटरी पर लौट सकता है। खासतौर पर जून तिमाही के बाद, जब कंपनियों के सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे, तो बाजार को मजबूती मिलेगी। जैन ने निवेशकों को सलाह दी कि फिलहाल उच्च मूल्यांकन वाले शेयरों की खरीदारी से बचें और लंबी अवधि की रणनीति अपनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा अस्थिरता के चलते निवेशकों का रुझान फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर बढ़ रहा है।
अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट
सोमवार को अमेरिकी बाजार में बड़े झटके देखने को मिले। टेस्ला के शेयरों में 15.4% की गिरावट आई, जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चिप निर्माता एनवीडिया के शेयर 5% से ज्यादा टूट गए। इसके अलावा, टेक कंपनियों मेटा, अमेज़न और अल्फाबेट के शेयरों में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
न्यूयॉर्क में एसएंडपी 500 इंडेक्स, जो अमेरिका की सबसे बड़ी कंपनियों को ट्रैक करता है, सोमवार को 2.7% नीचे बंद हुआ, जबकि डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 2% गिर गया।
एशियाई और यूरोपीय बाजारों का हाल
यूरोपीय बाजारों में हल्की स्थिरता देखने को मिली। यूके का FTSE 100 इंडेक्स और जर्मन DAX लगभग स्थिर खुले, जबकि फ्रांस का CAC 40 हल्की बढ़त के साथ खुला।
एशियाई बाजारों में शुरुआत में गिरावट दर्ज की गई, लेकिन दिन के अंत तक कुछ सुधार देखने को मिला।
- जापान का निक्केई 225 0.6% गिरकर बंद हुआ।
- दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.3% नीचे बंद हुआ।
- डॉलर की कीमत पाउंड और यूरो के मुकाबले और अधिक गिरी, जो महीने की शुरुआत से ही दबाव में था।
क्या मंदी का खतरा बढ़ रहा है?
विश्लेषकों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता बढ़ा दी है, जिससे बाजार में अस्थिरता दिख रही है। हालांकि, मंदी की बात करना अभी जल्दबाजी होगी। बाजार की चाल आने वाले महीनों में स्पष्ट होगी, जब कंपनियों के वित्तीय नतीजे और आर्थिक संकेतक स्पष्ट तस्वीर पेश करेंगे।
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