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वाह री सरकार! विकास के दावे हजार, सच से नहीं सरोकार

Waiting For Bridge Construction

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Waiting For Bridge Construction: कुछ ऐसे मंजर जो अनायास ही आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे कि क्या सच में देश बदल रहा है। क्या चहुंओर विकास के सरकारी दावे सच की कसौटी पर खरे उतर रहे हैं। बिहार के नालंदा जिला स्थित चार गांव तो इन दावों से कतई इत्तेफाक नहीं रखते। ऐसा हम नहीं इन गांवों के हालात बता रहे हैं। आज भी यहां आवागमन के लिए 50 साल पहले के साधन का प्रयोग करने को लोग मजबूर हैं। इस पर भी यह साधन ऐसा जिसे लोगों ने खुद मिलजुल कर संजोया है। न किसी नेता ने उनका दर्द जाना और न किसी सरकार ने।  

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Waiting For Bridge Construction: गाजीपुर पंचायत में समस्या आज भी जस की तस

नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गिरियक प्रखंड के गाजीपुर पंचायत के लोग आज भी आवागमन के लिए 50 साल पहले बने साधन का उपयोग करने को मजबूर हैं। दरअसल गांजीपुर पंचायत के सकूची सराय से सकुची डीह गांव के बीच सकरी नदी बहती है। इसमें हमेशा पानी रहता है। सैकड़ो ग्रामीण रोजाना काम के लिए सकरी नदी को पार करते हैं। कमाल की बात यह कि इस नदी पर आज तक एक अदद पुल भी नहीं बनवाया गया।

Waiting For Bridge Construction: जनप्रतिनिधि नहीं बनवा सके एक अदद पुल

शायद आपको नदी पार करना बड़ी बात न लगे और है भी नहीं लेकिन नदी पार करने का साधन और उसे जुटाने के तरीका आपको जरूर हैरान करेगा। यह नदी आज भी ग्रामीण नाव से ही पार करते हैं। यह नाव किसी नेता या सरकार की देन नहीं है। ग्रामीणों ने खुद चंदा जुटा कर इस नाव को बनवाया है।

हर चुनाव में किया जाता है वादा, नहीं दिखता पक्का इरादा

ग्रामीणों ने बताया कि हर साल लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के वक्त सांसद और विधायक इस सकरी नदी पर पुल बनाने को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन चुनाव के बाद नतीजा ढाक के तीन पात जैसा ही होता है।

Waiting For Bridge Construction: हर समय हादसे का खतरा

आलम यह कि बच्चे नाव के सहारे नदी पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं। ऐसे में हर समय किसी हादसे का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होने हर नेता से समस्या समाधान की मांग की लेकिन हल ही नहीं निकला।

प्रदेश के मुखिया से लेकर विधायक तक से लगाई गुहार

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री, नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार, राजगीर विधायक कौशल किशोर सभी को समस्या से अवगत करा कर इसके समाधान की मांग की है लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है।

रिपोर्ट: आशीष, संवाददाता, नालंदा, बिहार

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