Uttarkashi Tunnel Collapse: तारीख पर तारीख…आखिर और कितना इंतजार? मजदूरों का यही सवाल
Uttarkashi Tunnel Collapse: दिवाली का दिन जहां सभी के लिए शुभ रहा। वहीं उत्तरकाशी के 41 मजदूरों की जिंदगी इसी दिन दांव पर लग गई। इस दिन को जहां सभी अपने-अपने घरों में रौशनी कर अंधेरा मिटा रहे थे। तो वहीं ये 41 लोग न जाने कितने दिनों के लिए अंधकार में फंस गए। सिलक्यारा स्थित निर्माणाधीन टनल में फंसे इन 41 मजदूरों की हालत क्या है इस बात का हम मात्र अंदाजा ही लगा सकते है। सोच कर देखिए कैसा लगता होगा अंधेरे में कैद कहीं जा नहीं सकते, कुछ कर नहीं सकते। पता नहीं जिंदगी बचेगी या टनल के अंधकार में हमेशा के लिए समा जाऐगी। ऐसे में मजदूरों को तब आस मिली जब उत्तराखंड सरकार ने उनको बचाने के लिए कोशिश शुरु की। उन्हें खाना जरूरत की चीजें मिलने पर आस लगी की वे बच सकते हैं। पर एक बार फिर उनकी आस खत्म होती नजर आ रही है। वे कब बाहर आएंगे, अपने परिवार से मिलेंगे इस की कोई जानकारी नहीं है।
मजदूरों को बचाने के लिए जो ऑगर मशीन कार्य कर रही थी। इस्पात की बनी वस्तुओं के सामने आने से खराब हो गई है। हालांकि उसे ठीक किया जा रहा। पर इन सब मे फिर से लम्बा वक्त लगने वाला है। आस थी की मजदूर आने वाले एक-दिनों में टनल से बाहर होंगे। पर अब उनको बाहर निकालने में कितना वक्त लगेगा इसकी किसी के पास कोई जानकारी नहीं है।
सीएम धामी बोले- मजदूरों को निकालने पर है पूरा ध्यान
ऑगर मशीन के खराब होने की जानकारी सीएम धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को दी है। मशीन के खराब होने के ही साथ मजदूरों की किस्मत भी खराब हो गई है। बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज फिर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सभी मजदूर ठीक है। मजदूरों से बात हुई है, वो ठीक है। बताया कि मजदूरों को भोजन पानी मिल रहा है। हैदराबादा से कटर लाया जा रहा है साथ ही प्लाज्मा कटर मंगवाया गया है। सीएम ने कहा कि सारा ध्यान मजदूरों को निकलाने पर है। मशीन के टूटे हिस्से कल तक निकलेंगे। वर्टिकल ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है।
हालाकिं सवाल अब भी यही है कि आखिर और कितना वक्त?
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