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Uttarakhand: राज्य को केंद्रीय पूल से मिलती रहेगी अतिरिक्त बिजली, सीएम धामी ने किया था अनुरोध

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केंद्रीय पूल से उत्तराखंड को विशेष कोटे की 300 मेगावाट बिजली फिलहाल मिलती रहेगी। केंद्रीय पूल से मिल रही अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति बंद होने से 1 मार्च को राज्य में बिजली संकट के हालात पैदा हो गए। लेकिन केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के फैसले से अब ये संकट दूर हो सकेगा। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से अनुरोध किया था।

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केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय से उत्तराखण्ड के लिए 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की मंजूरी मिल गई है। राज्य को फिलहाल 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलती रहेगी। केंद्रीय पूल से उत्तराखंड को विशेष कोटे की 300 मेगावाट बिजली 12 जनवरी से मिल रही थी जिसकी मियाद 28 फरवरी को पूरी हो गई।

केंद्र से अतिरिक्त बिजली मिलनी बंद होने से मार्च महीने के पहले दिन ही बिजली संकट पैदा हो गया।  यूपीसीएल को आपूर्ति के लिए जहां अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ी तो वहीं कई जगहों पर कटौती भी करनी पड़ी। 1 मार्च को राज्य में बिजली की मांग चार करोड़ चार लाख 80 हजार यूनिट रही।

मांग पूरी करने के लिए लगभग एक करोड़ 20 लाख यूनिट बिजली बाजार से खरीदनी पड़ी। हालांकि मांग के मुकाबले बिजली उपलब्धता में फिर भी कमी रही। बिजली की कमी की वजह से प्रदेशभर में कुछ जगहों पर 1 मार्च को बिजली कटौती भी की गई। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा कटौती हुई। लेकिन अब केंद्रीय पूल से मिल रही 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था जारी रहने ये संकट दूर हो सकेगा।

बिजली संकट टालने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुद मोर्चा संभाल रखा था। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह को पहले पत्र भेजकर राज्य को अतिरिक्त बिजली देना जारी रखने का अनुरोध किया। और फिर इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से फोन पर भी बात की। मुख्यमंत्री के आग्रह पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने फिलहाल राज्य को केंद्रीय पूल के विशेष कोटे से 300 मेगावाट बिजली देने की अवधि बढ़ा दी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह का आभार जताया है।

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