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Uttarakhand: कई वर्षों से नहीं बनी सड़क, स्यूणा गांव के लोग असुविधाओं में घसीट रहे अपना जीवन

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पहाड़ी राज्यों में ज्यादातर देखा जाता है कि सुविधाओं के अभाव की वजह से कितनी दुर्घटनाएं होती है। ऐसे में उत्तर काशी के भागीरथी का जल स्तर बढ़ने से ग्रामीणों व बच्चों को नदी पार करने में मुश्किल हो रहा हैं। बता दें कि कई वर्षों से इस गाँव के ग्रामीण झेल रहे हैं। जिला मुख्यालय से महज 4 से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्यूणा गांव का जन जीवन अत्याधुनिक युग में भी ट्रॉली के सहारे चल रहा है। वह भी जर्जर स्थिति में है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

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गांव पहुंचने के लिए ग्रामीणों को तेखला से गंगा भागीरथी के किनारे पत्थर डालकर बनाए गए अस्थायी रास्ते से जंगल होते हुए आवाजाही करनी पड़ती है। साथ ही यहां पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण हादसे का खतरा बना रहता है, जबकि नेताला से सिरोर होते हुए गांव तक पहुंचने का रास्ता घने जंगल से होकर गुजरता है और यहां भूस्खलन से जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने के कारण सालों से ग्रामीण इस रास्ते का उपयोग नहीं करते हैं।
ग्रामीणों की मजबूरी है कि पानी कम होने पर ग्रामीण भागीरथी नदी पर लकड़ी की अस्थायी पुलिया का निर्माण करते हैं लेकिन नदी का पानी बढ़ने से वह भी बह जाता है।
प्रशासन व विभाग ने कुछ साल पहले एक ट्रॉली तो लगा दी लेकिन ग्रामीणों को इससे कोई लाभ नही मिल रहा है। स्यूणा गांव के लोग जान जोखिम में डालकर भागीरथी नदी को क्षतिग्रस्त ट्रॉली के सहारे नदी पार कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पैदल मार्ग भारी बारिश के कारण बह गया है और कई बार शिकायत के बाद भी अधिकारी उनकी सुन नहीं रहे हैं।

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