उत्तराखंड में लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड, धामी सरकार की बड़ी तैयारी
शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कमिटी का मसौदा मिलने के बाद समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने में देरी नहीं की जाएगी। “हम पहले ही कह चुके हैं कि जैसे ही हमें UCC कमिटी का मसौदा मिलेगा, हम प्रक्रियाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे, ताकि आगे की कार्यवाही सफलतापूर्वक पूरी की जा सके,” धामी ने कहा।धामी ने बताया कि कमिटी का मसौदा अंतिम पड़ाव पर है।
उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना देसाई को विशेषज्ञ समिति का अध्यक्ष बनाया। राज्य के निवासियों के निजी नागरिक मामलों से जुड़े सभी संबंधित कानूनों की समीक्षा करना उसकी जिम्मेदारी है। अब समिति आने वाले दिनों में सीएम धामी को एक विस्तृत रिपोर्ट देगी। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्राइवेट कानूनों, जैसे संपत्ति के अधिकार, बच्चे की हिरासत, तलाक और शादी रजिस्ट्रेशन, एक जैसे हों।
विधानसभा का विशेष सत्र होगा?
समिति ने उत्तराखंडवासियों, सरकारी गैर सरकारी संगठनों और अन्य लोगों से UCC को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सुझाव मांगे थे। साथ ही, समिति ने एक पोर्टल बनाया था जो सुझावों को ऑनलाइन आमंत्रित करता था। उत्तराखंड सरकार दिवाली के बाद समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक को कानूनी दर्जा देने के लिए एक विशेष विधानसभा सत्र बुला सकती है।
ऑनलाइन पोर्टल से सुझाव मांगे गए थे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग की थी। बाद में विधानसभा चुनाव जीतने पर उनकी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाई। इस कमेटी ने यूसीसी के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जनता से सुझाव मांगे थे।
अब कहा जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार अगले सप्ताह समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन सकता है। समान नागरिक संहिता विधेयक का उद्देश्य विवाह पंजीकरण, बच्चे की हिरासत, तलाक, संपत्ति के अधिकार जैसे व्यक्तिगत कानूनों में एकरूपता लाना है।
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