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इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज के द्वारा शिक्षकों के लिये प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

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मसूरी हैम्पटन कोर्ट स्कूल में इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज के तत्वाधान में स्कूलों में हेरिटेज क्लब की स्थापना के लिए विभिन्न हिंदी और अंग्रेजी माध्यमों के स्कूलों के शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय धरोहर को संरक्षित करने के बारे में विस्तार से बताया गया।

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विरासत की प्रिंसिपल डायरेक्टर पूर्णिमा दास ने बताया कि इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज (इनटेक) पूरे देश के स्कूलों में हेरिटेज क्लब बनाने का कार्य कर रही है ताकि बच्चों में अपनी विरासत को संजोकर रखने और उसके बारे में जानने की जिज्ञासा बनी रहे इसके साथ ही स्थानीय स्तर की विरासत को संजोने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि देशभर में चार हजार के करीब हैरिटेज क्लब है और इंटेक के 220 चैप्टर है।  उन्होंने बताया कि भारत की बहुलवादी संस्कृति विरासत के बारे में जनता को जागरूक करता है व भारत की साझी विरासत को संरक्षित करने के प्रति सामाजिक जिम्मेदारी की भावना का पैदा करता है व  आवश्यक कार्रवाई और उपाय करके भारत की जीवित, निर्मित और प्राकृतिक विरासत की रक्षा और संरक्षण के लिये काम किया जाता है।

पुरातात्विक, स्थापत्य, ऐतिहासिक और सौंदर्य महत्व की असुरक्षित इमारतों के साथ-साथ सांस्कृतिक संसाधनों का दस्तावेजीकरण करें, क्योंकि यह संरक्षण योजना तैयार करने की दिशा में काम किया जाता है। उन्होंने बताया विरासत नीतियों और विनियमों का विकास करने के साथ आवश्यकता पड़ने पर भारत की विरासत की रक्षा के लिए कानूनी हस्तक्षेप भी करता है।

इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज की उत्तराखंड की कोऑर्डिनेटर अंजली भर्तरी ने बताया कि मसूरी में पहली बार हेरिटेज क्लब बनाने के लिए शिक्षकों की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है इसके बाद देहरादून, नैनीताल सहित पूरे उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन करेंगे ताकि यहां के बच्चे अपनी धरोहर के संरक्षण के बारे में जागरूक किया जा सके।

उन्होंने कहा कि जब शिक्षकों को अपने आसपास के विरासत के बारे में जानकारी होगी तभी उनके माध्यम से छात्र-छात्राओं को का विरासत के बारे मे बता पायेगे।  उन्होंने कहा कि हेरिटेज और आसपास की संस्कृति को संरक्षित किए जाने को लेकर लगातार काम किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि विकास किसी भी क्षेत्र के लिए जरूरी है परंतु अपनी धरोहर को बचाए जाने को लेकर भी काम किया जाना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि अगर पुराने इतिहास को कुचलकर आगे बढ़ा जाए तो वह गलत होगा । उन्होंने कहा कि विदेशों में देखा गया है तो नई तकनीक अपनाकर अपनी पुरानी धरोहर को बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है और इस तकनीक को भारत देश भी अपना कर अपनी धरोहर को बचाने के साथ- साथ नई तकनीक अपनाकर विकास को भी आगे बढ़ रहा है।

इस मौके पर मसूरी की कोऑर्डिनेटर सुरभि अग्रवाल ने बताया कि इस कार्यशाला में मसूरी के हिंदी और अंग्रेजी के आठ स्कूलों के शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं जिसमें मसूरी के 12 शिक्षक शामिल हैं उन्होंने बताया कि कार्यशाला का पहला सत्र काफी रोचक रहा और सभी ने बड़े उत्साह से इसमें प्रतिभाग लिया।

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