पिथौरागढ़ में बड़ा हादसा, चलती जीप पर गिरी चट्टान, तीन बच्चों समेत सात की मौत
Uttarakhand: धारचूला-लिपुलेह मार्ग पर थक्ती झरने के पास चट्टान गिरने से एक बोलेरो मोबाइल घर दब गया। आशंका है कि हादसे में तीन बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई। सात घंटे तक चले खोज एवं बचाव अभियान के बावजूद चट्टानों के नीचे दबी कार का पता नहीं चल सका। अंधेरा होने के कारण शाम सात बजे ऑपरेशन रद्द कर दिया गया। चट्टानें दरकने से दोनों तरफ कई गाड़ियां फंस गईं।
यह है पूरा मामला
रविवार दोपहर करीब डेढ़ बजे धारचूला से 55 किमी दूर मालपा और पेलसिती जलप्रपात के बीच थक्ती जलप्रपात के पास एक बड़ी चट्टान खिसककर सड़क पर गिर गई। इससे नाबि गांव से धारचूला की ओर जा रही बोलेरो कैंपर दब गई। उस जीप के आगे चल रही दूसरी जीप के चालक अजय ने गड़गड़ाहट की आवाज सुनी तो उसे हादसे की जानकारी हुई।
उसने नेपाली सिम कार्ड से दारचूला के परिचितों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस, एसएसबी 11वीं वाहिनी और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। बीआरओ के बुलडोजर और पोकलेन की मदद से चट्टानों को हटाने का काम शुरू हुआ, लेकिन चट्टानें करीब 50 मीटर दूर होने के कारण जीप और उसमें बैठे लोगों का पता नहीं चल सका।
दोपहर में जीप की छत का कुछ हिस्सा और यात्री के शरीर के हिस्से मलबे के बीच पाए गए। अंधेरे और आगे चट्टान गिरने के खतरे के कारण काम रोकना पड़ा।
खबरों के मुताबिक, जीप में नेपल्चू गांव निवासी वीदन सिंह और बुंदी गांव के सेवानिवृत्त शिक्षक तोला राम बुदियाल के तीन बच्चे और उनकी पत्नी आशु देवी समेत सात लोग सवार थे। जीप चालक बलवाकोट का निवासी बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि कुछ लोग सड़क से जीप में चढ़ गए। ऐसे में ये संख्या बढ़ सकती है।
सड़क पर चट्टान गिरने के कारण दारचूला-लिपुलेख मार्ग यातायात के लिए बंद है। ग्रामीण इस समय पूजा-पाठ और प्रवास के लिए समूह में यात्रा कर रहे हैं। सोमवार यानी (09 अक्टूबर) से मलबा और पत्थर हटाने का काम शुरू होगा।
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