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Badrinath: वैदिक मंत्रोच्चार, जयकारों के साथ कपाट बंद श्रद्धालुओं ने लगाया बदरी विशाल का जयकारा

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चमोली जिले में स्थित भू वैकुंठ धाम बदरीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। शुभ मुहुर्त में पूरे विधि विधान और मंत्रोच्चारों के साथ तीन बजकर पैंतीस मिनट पर धाम के कपाट बंद किए गए। इस अवसर पर मंदिर को भव्य तरीके से फूलों से सजाया गया। इस दौरान लगभग 5 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। धाम में मौजूद श्रद्धालुओं के जयकारों से भगवान बदरी विशाल का धाम गूंजता रहा। कपाट बंद होने के मौके पर सेना के मधुर बैंड धुनों पर तीर्थयात्री जमकर झूमे।

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कपाट बंद होने के बाद कुबेर और उद्धव जी की उत्सव मूर्ति डोली बामणी गांव के लिए रवाना हुई। 20 नवंबर को देवडोलियां पांडुकेश्वर ,जोशीमठ के लिए रवाना होंगी। कपाट बंद होने के मौके पर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी धाम के कपाट बंद होने की तसवीर सोशल मीडिया में साझा करते हुए भगवान बदरी विशाल को प्रणाम किया है। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही इस साल की चार धाम यात्रा का समापन हो गया है। कोरोना काल के बाद शुरू हुई चार धाम यात्रा में रिकॉर्ड 46 लाख से अधिक यात्री पहुंचे। 17 लाख 60 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किए, जो अब तक का रिकार्ड है।

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