Almora News: जिले के स्याल्दे में तहसील की स्थापना के आठ साल के बाद भी तहसील का अपना भवन बनकर तैयार नहीं हो पाया है। इतना ही नहीं यहां स्थायी एसडीएम और तहसीलदार की नियुक्ति भी नहीं हुई है, जिस कारण यहां के लोगों को छोटे छोटे कामों के लिए भिकियासैंण तहसील की दौड़ लगानी पड़ रही है। तहसील का कार्य बस जैसे-तैसे वैकल्पिक व्यवस्था पर चल रहा है।
स्याल्दे में वर्ष 2014 में तहसील अस्तित्व में आई थी, तब लोगों को उम्मीद थी कि अब उनके सभी काम स्थानीय स्तर पर होंगे और उन्हें 60 किमी दूर भिकियासैंण तहसील के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, लेकिन उनकी यह उम्मीद परवान नहीं चढ़ सकी। अब तक तहसील में ना तो तहसीलदार की नियुक्ति हो सकी है और ना ही स्थायी एसडीएम की।
तहसील में तहसीलदार, एसडीएम सहित अन्य कर्मियों के छह पद स्वीकृत हैं। तहसील रजिस्ट्रार कानूनगो और नायब नाजिर के भरोसे तहसील चल रही है। उत्तराखंड कोआपरेटिव फेडरेशन के निदेशक हृदयेश मेहरा, प्रधान धर्मपाल मनराल, भूपेंद्र सिंह, मनमोहन सिंह, क्षेत्र पंचायत सदस्य सूरज मेहरा, दीपक कुमार ने तहसील में जल्द पर्याप्त स्टाफ और भवन की मांग की है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि जल्द तहसीलदार और एसडीएम की नियुक्ति नहीं हुई तो क्षेत्र की जनता सडकों पर उतर कर आंदोलन करेगी। इधर, प्रभारी एसडीएम गौरव पांडे का कहना है कि तहसील भवन का कुछ कार्य अभी शेष है। जिसे शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती के लिए शासन से पत्राचार जारी है। शीघ्र ही ग्रामीणों की मांग पूरी कर ली जाएगी।
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