Uttarakhand: उधमसिंहनगर के दिनेशपुर में चड़क पूजा के अंतिम दिन संन्यासियों ने हैरतअंगेज करतब दिखाकर अपना व्रत तोड़ा
उधमसिंहनगर के दिनेशपुर में चड़क पूजा के अंतिम दिन संन्यासियों ने हैरतअंगेज करतब दिखाकर अपना व्रत तोड़ा। चैत्र महीने में पश्चिम बंगाल में होने वाली चड़क पूजा की तर्ज पर दिनेशपुर में भी चड़क पूजा का आयोजन किया गया।
पश्चिम बंगाल में चैत्र महीने में मनाए जाने वाले चड़क पूजा का दिनेशपुर में भी भव्य आयोजन किया गया। चड़क पूजा के अंतिम दिन संन्यासियों ने हैरतअंगेज करतब दिखाकर अपना व्रत तोड़ा।चड़क पूजा करने वाले भक्त जिन्हें सन्यासी कहा जाता है, पूरे चैत्र महीने में भगवा वस्त्र धारण कर एक टोली के रूप में क्षेत्र के घरों में जाकर भगवान शिव पार्वती की महिमा का गुणगान और नृत्य करते हैं। इस दौरान उपवास रखते हुए सन्यासी केवल रात में फलाहार करते हैं।
चैत्र महीने के अंतिम 3 दिन इन भक्तों को कठिन करतब के साथ गुजारना पड़ता है। इन दिनों में 30 फीट ऊंचाई पर रस्से में बंधा कांटा सन्यासियों के पीठ पर भेद कर उन्हें लटकाकर घुमाया जाता है। माना जाता है कि चैत्र महीने में कठिन व्रत का सच्चे मन से पालन करने वाले सन्यासियों को इस कठिन करतब से कोई नुकसान नहीं होता। दिनेशपुर में सन्यासियों के इस अद्भुत करतब को देखकर लोग सिहर उठे। सन्यासियों ने कहा कि युवा पीढ़ी का अपनी परंपरा से परिचय कराने के लिए ये आयोजन किया गया।
चड़क पूजा के दौरान क्षेत्रीय विधायक अरविंद पांडे ने चड़क पूजा स्थल पर पहुंचकर सभी सन्यासियों से आशीर्वाद लिया। वहीं चड़क पूजा के आयोजन में शामिल कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष ममता हालदार ने चड़क पूजा की महिमा बताई।
आम जनता को जो अदभुत करतब या चमत्कार लगता है। वो चड़क पूजा का कठिन व्रत करने वाले शिवभक्त सन्यासियों के कठोर दिनचर्चा का परिणाम होता है। और कठिन व्रत से ईश्वर की भक्ति में लीन शरीर कैसे हर कष्ट से मुक्त हो जाता है, इसके बखूबी दर्शन कराती है चड़क पूजा।
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