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Uttarakhand: 22 अप्रैल से शुरू होगी चारधाम यात्रा-2023, ‘यात्रा से जुड़ी आजीविका, सबके हितों का ध्यान’

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जो भी यात्री चारधाम दर्शन के लिए उत्तराखंड आएंगे उन्हें दर्शन जरूर कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि चारधाम यात्रा से प्रदेश के लोगों की आजीविका जुड़ी है। इसलिए चारधाम यात्रियों की संख्या सीमित करने की गाइडलाइन पर पुनर्विचार किया जा रहा है।

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22 अप्रैल से शरु होने जा रही चारधाम यात्रा को लेकर धामी सरकार तैयारियां पुख्ता करने में जुटी है। 22 अप्रैल को गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे और इसी के साथ इस साल की चारधाम यात्रा का आगाज हो जाएगा। 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे और 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।

सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार समीक्षा बैठकें और जिलों के दौरे कर अधिकारियों से यात्रा की तैयारियों पर फीडबैक ले रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 18 और बीस अप्रैल को शासन प्रशासन मॉक ड्रिल कर सभी व्यवस्थाओं की जमीनी स्थिति आंकेंगे। पिछले साल की चारधाम यात्रा में यात्रियों की भारी भीड़ के कारण धामों में अव्यवस्था की स्थिति बनती नजर आई थी। खासकर केदारनाथ धाम में भारी भीड़ को संभालना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हुआ था।

ऐसे में इस साल की यात्रा में सरकार ने श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित करने के लिए पंजीकरण कराना जरूरी कर दिया। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भी गाइडलाइन जारी की गई है। लेकिन इस नियमों से स्थानीय लोग यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी की आशंका जता रहे हैं। चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी के लिहाज से बेहद अहम है इसलिए स्थानीय लोगों को उनकी आजीविका प्रभावित होने का डर सता रहा है।

चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या सीमित करने के सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जो भी यात्री उत्तराखंड पहुंचेगा उनको दर्शन करने का मौका जरूर मिलेगा। सरकार इसका ध्यान रखेगी कि नियमों में सख्ती के कारण यात्रा से जुड़े लोगों की आजीविका प्रभावित न हो। सीएम ने कहा कि सभी लोगों को दर्शन कराने की व्यवस्था कैसे की जाए इस पर विचार हो रहा है।

इस साल 13 लाख लोगों ने चारधाम दर्शन के लिए पंजीकरण कराया है। कोरोना काल के बाद ही पिछले साल की चारधाम यात्रा में 46 लाख से अधिक श्रद्धालु उत्तराखंड आए थे। इस साल और ज्यादा श्रद्धालओं के उत्तराखंड आने की उम्मीद है। लेकिन सख्त नियमों के कारण कहीं यात्रियों की संख्या कम ना हो जाए। इसे लेकर तीर्थाटन और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग आशंकित हैं। ऐसे में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने साफ कर दिया है सरकार किसी का अहित नहीं होने देगी। सभी श्रद्धालओं को दर्शन भी कराया जाएगा और स्थानीय लोगों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।

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