लेना था दो थप्पड़ का बदला, दोस्ती की, शराब पिलाया और पीट-पीटकर मार डाला
कानपुर में एक सप्ताह पहले हुई युवक की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस के मुताबिक, यह घटना युवक के चार दोस्तों के बीच लंबे समय से चल रहे झगड़े के कारण हुई। आरोपियों ने पहले उसे जबरन शराब पिलाई और फिर पीट-पीटकर मार डाला। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने एक सप्ताह पहले एक युवक की हत्या की सूचना जारी की। युवक रामनारायण की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके खास दोस्त सुशील और उसके अन्य दोस्तों ने की थी। इस मामले में पुलिस ने सुशील और उसके तीन दोस्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। घटना इसी महीने 24 सितंबर की रात को कानपुर के नवबस्ता थाना क्षेत्र में हुई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मृतक किशोर संदिग्ध परिस्थितियों में हो गया गायब
पुलिस के मुताबिक, मृतक किशोर 24 सितंबर की शाम को संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया था। पुलिस में दर्ज शिकायत में परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह अपने तीन दोस्तों शिवम, सुशील, गोविंद और रंजीत के साथ लापता हो गया था। पुलिस ने चारों दोस्तों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की। इसी समय सब कुछ ज्ञात हुआ।
संदिग्ध ने बताया
पुलिस पूछताछ में संदिग्ध ने बताया कि सात महीने पहले राम नारायण और सुशील के बीच विवाद हुआ था। इस समय वे एक साथ शराब पी रहे थे। इस मुकाबले में रामनारायण ने सुशील को दो बार हराया। थप्पड़ की गूंज अभी भी सुशील के गाल पर दिख रही थी और वह हमेशा बदला लेने की फिराक में था। इसके लिए उसने पहले राम नारायण से दोस्ती की और फिर 24 सितंबर की रात इस वारदात को अंजाम दिया।
सुशील ने पुलिस पूछताछ में बताया
हत्या के आरोपी सुशील ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने वारदात को अंजाम देने के लिए अपने तीन दोस्तों शिवम, रंजीत और गोविंद को भी शामिल कर लिया। पुलिस ने सुशील के दो दोस्तों को भी गिरफ्तार किया है। एडीसीपी अंकित शर्मा ने गिरफ्तारी के बाद तीनों को एक टिन के डिब्बे में रखा। आरोपी शव को ठिकाने लगाने ही वाला था कि पुलिस को इसकी जानकारी मिल गई और पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किये गये लोग पुराने अपराधी हैं। इनमें से दो आरोपी जघन्य जांच के अधीन थे और जेल गए। जबकि अन्य दो का आपराधिक इतिहास स्पष्ट किया जा रहा है।
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