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UP: टिकट न मिलने पर भाजपा से बागी होकर मैदान में उतरे पूर्व चेयरमैन, हुए भावुक

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प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव का बिगुल बजने के बाद राजनीतिक दलों ने नामांकन के अंतिम दिन में अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणाएं कर दी। जिसमें कुछ संभावित प्रत्याशियों को टिकट न मिलने पर निराशा हाथ लगी। तो वहीं कुछ प्रत्याशियों को पार्टी का टिकट मिलने से गदगद नजर आए।

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अगर हम बात करें टिकट के दावेदारों की तो सबसे बड़ी कतार भाजपा और सपा में दिखाई दी। लेकिन गोंडा नगरपालिका से भारतीय जनता पार्टी से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे पूर्व चेयरमैन की पत्नी संध्या श्रीवास्तव को  टिकट नही मिला। जिसके बाद संध्या श्रीवास्तव ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन कर दिया। जिससे गोंडा नगर पालिका के चुनाव का समीकरण पूरी तरह से बदल गया।

लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने नए चेहरे पर दांव लगाते हुए लक्ष्मी राय चंदानी को अपना प्रत्याशी बनाया। जिसके बाद उन्होंने दर्जनों पार्टी के दिग्गज नेताओं के साथ कलक्ट्रेट में जाकर नामांकन किया। तो वहीं समाजवादी पार्टी ने निवर्तमान चेयरमैन उज़्मा राशिद को टिकट देकर दुबारा अपना प्रत्याशी बनाया है। जिसके बाद वह कलक्ट्रेट पहुँचकर अपना नामांकन किया। लेकिन इस दौरान सपा जिलाध्यक्ष को छोड़कर उनके साथ कोई भी बड़ा नेता उनके साथ नजर नही आया।

इस बीच संध्या निर्मल श्रीवास्तव ने पर्चा दाखिल के बाद उनके पति रूपेश श्रीवास्तव उर्फ निर्मल श्रीवास्तव ने मीडिया से बात करते हुए उनकी आंखे छलक गई और वो फूट-फूट कर रोने लगे। उनोहने भाजपा जिला संगठन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका साथ अन्याय हुआ है। जिला संगठन ने उनका नाम तक प्रदेश में नही भेजा। निर्मल श्रीवास्तव ने बताया उनके साथ में पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी एक बार छल किया गया है। जिससे नाते उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था और चुनाव जीते थे। इस बार फिर वह निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। उन्होंने कहा कि 2006 में चुनाव लगा।

जिसमे मुझे गोंडा की जनता ने 70 प्रतिशत वोट मिले 30 प्रतिशत में बाकी दल को वोट मिले। 2012 ने 18000 वोट मिले मैं जीत कर निर्दलीय के रूप में चेयरमैन बना गोंडा की सेवा किया। इस बार हमने पांच साल तक भाजपा के लिए काम किया,और पार्टी ने टिकट का वादा किया था। लेकिन फिर भी हमे टिकेट नही दिया। जबकि 18 सालों से नगरवासियों की सेवा और संघर्ष कर रहा हूँ। इसी बीच मेरे भाई और पिता की हत्या कर दी गई, मेरे साथ अन्याय हुआ है। निर्दलीय के रूप में अपनी पत्नी को लड़ा रहा हूं और जीत हासिल करूंगा। जनता हमारे साथ है। क्योंकि जनता के सुख-दुख में हमेशा खड़े रहा हूँ। इसलिए जनता का प्यार और आशीर्वाद हमें हमेशा मिलता रहा है।

रिपोर्ट – राशिद खान

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