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सपा मुखिया अखिलेश यादव ने फहराया तिरंगा, स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों को संदेश देते हुए कहा है कि देश में मणिपुर जैसी डरावनी हिंसक घटनाएं दोबारा ना हो इसका संकल्प हर देशवासी को लेना पड़ेगा। अखिलेश यादव अपने गृह गांव सैफई तिरंगा ध्वज फहराने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो घटना मणिपुर प्रदेश में हुई किसी भी देश में ऐसा नहीं हुआ होगा वही आज के दिन हम लोगों को यह भी अपील करनी चाहिए कि मणिपुर के लोग जिस सद्भावना के साथ जी प्रेम के साथ जिस तरीके से मिलजुल कर रह रहे थे वैसे ही रहे और इस तरह के घटना दोबारा ना हो जहां हमारी बेटियां हमारी बहनों के साथ ऐसी घटना घटी हो न केवल मणिपुर बल्कि देश के किसी भी कोने में इस तरीके का व्यवहार किसी भी बेटी के साथ महिला के साथ व्यवहार ना हो।

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उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूरे देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं देता हूं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जैसे महा पुरुषजनों ओर देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अमिट योद्धाओं को याद करते हैं। उन्होंने कहा है कि महात्मा गांधी के आवाहन पर लगातार क्रांतिकारियों के संघर्ष और आंगनत लोगों की कुर्बानी के बाद भारत देश को आजादी मिली। हम सब उन्हें याद करते हैं और आज के दिन संकल्प लेते हैं कि जो सपने स्वतंत्रता सेनानी होने देते थे उन सपनों को पूरा करने की लगातार हम लोग काम करते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि जांबाज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद कर रहे हैं तो वही भगत सिंह सुखदेव और तमाम क्रांतिकारियों को भी हम नमन करते हैं। जहां सपने पूरे होने के बाद हम कह रहे हैं वहीं यह भी संकल्प लेते हैं कि जो जो सपने दिखाए गए थे वह जमीन पर नहीं उतरे हैं। जब पीछे मुड़कर के देखते हैं और दुनिया के दूसरे देशों से जब हम तुलना करते हैं तो भारत को जितना आगे बढ़ना चाहिए था अभी उतनी रफ्तार और तेजी से नहीं बड़ा है।

सपा मुखिया ने कहा कि हमारे देश की दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी है वह हमारे 9 जवानों की संख्या भी बड़ी है जहां मर्द किसान खुशहाल हो वही हर नौजवान के हाथ में नौकरी और रोजगार कैसे पहुंचे। पढ़ाई और शिक्षा का स्तर कैसे बेहतर हो, जो स्वास्थ्य सेवाएं हैं वह हम गरीबों को कैसे मिल पाए साथ ही साथ सुरक्षा की भावना कैसे पैदा हो जहां हमारे देश की पहचान है कि हम अलग-अलग भाषा अलग-अलग प्रदेश के जो डाइवर्सिटी है। अपने देश में वह शायद किसी भी देश में नहीं है। हमारे देश में जो यूनिटी और डाइवर्सिटी है उसको लेकर भी हमें चलना होगा।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हम महापुरुषों को याद कर रहे हैं तो भाई यह भी याद करते हैं इस देश के महान और नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले रविंद्र नाथ टैगोर जिनने कहा हमारे देश में राजनीतिक समस्या नहीं है समस्या हमारे समाज की है जो समाज की बुराइयां है जो हमारे समाज में अभी भी दूरियां हैं उनको हम कैसे कम करेंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया बहुत आगे बढ़ी है जिस रूप में हमारा देश आजाद हुआ था जो हमारी सीमाएं थी जब आजादी हमें मिली थी वह हमारी सीमाएं सिकुड़ी है। सरकारें टोपी रही हो लेकिन कहीं ना कहीं हमारे भारत जब आजाद हुआ था उस वक्त हमारी टीम आई थी उन सीमाओं को सिकुड़ने का काम पड़ोसी देशों ने किया है आज के दिन 15 अगस्त जब पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मना रहा है तो हमें भी यह संकल्प लेना चाहिए कि जिस कुर्बानी और संघर्ष के बाद हमें आजादी मिली है हमारे देश को। हमारा देश मजबूत हो वैसे ही हमारी सीमाएं सुरक्षित हों।

अखिलेश ने कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन में अर्थव्यवस्था के पास में नंबर पर पहुंच गए हैं और अखिलेश यादव ने कहा भारत की रवि आबादी है और जिस तरह कि यहां पर आगे बढ़ने की लोगों की रक्ष है सरकार अपना योगदान कम भी दे उसके बाद भी यहां की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती है। या दुनिया में हमारी समस्या है उसका आकलन अगर हम करें तो लोकतंत्र में जो स्वतंत्रता होती है उसमें हम कहां खड़े हैं हम प्रेस की आजादी में कहां खड़े हैं हम करप्शन में कहां खड़े हैं। यह कहने को तो ठीक है कि हमारा डेमोग्राफिक पेटर्न है बुक कम उम्र के लोग ज्यादा है। इसके लिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि नौजवानों के हाथों में हम नौकरी और रोजगार दें। सरकार ऐसी व्यवस्था बनाए जिससे उनके सपने पूरे हो सके और लाल किले पर खड़े होकर के अगर किसी सरकार ने यह कहा हो कि हम किसानों की यादों को नहीं कर देंगे तो कम से कम उन सरकारों को पीछे मुड़ कर देखना चाहिए कि हम दोबारा 15 अगस्त पर वहीं खड़े हुए हैं।

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