
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के लिए समय सीमा अब 28 अगस्त तक बढ़ा दी है। डिमोलिशन एजेंसी एडिफाइस इंजीनियरिंग ने तीन महीने का समय मांगा था। जिस पर कोर्ट तीन महीने की मोहलत देने को तैयार हो गया है। इसके पहले कोर्ट ने 22 मई तक ट्विन टावर्स गिराने का समय दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक ट्विन टावर्स को नियमों के विरुद्ध ठहराते हुए उन्हें ढहाने और उसमें फ्लैट बुक कराने वालों को ब्याज समेत पैसे वापस करने का आदेश दिया था। कोर्ट आजकल आदेश के अनुपालन पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने सुपरटेक टावर ढहाने के लिए एडिफिस कंपनी को डेमोलिशन का काम दिया था। इंजीनियरिंग ने सुप्रीम कोर्ट से समय सीमा 28 अगस्त तक बढ़ाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की इस मांग को मानते हुए समय सीमा बढ़ा दी है। हालांकि, नोएडा प्राधिकरण ने समय सीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया था।
बता दें कि, सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट परिसर में बने ट्विन टावर को पहले 22 मई को गिराया जाना प्रस्तावित था, लेकिन मौके पर बचे काम को देखते हुए यह असंभव लग रहा था। जिस पर आज सुनवाई के बाद फैसला सुनाया गया।
गौरतलब है कि पिछले साल 31 अगस्त 2021 को सुपरटेक एमेराल्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने नोएडा स्थित सुपरटेक एमेराल्ड के 40 मंजिला ट्विन टावर को तीन महीने में गिराने के आदेश दिए थे। इस आदेश में कहा गया था कि अवैध निर्माण से सख्ती से निपटा जाना चाहिए, और कानून का शासन को अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।
साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया था कि बुकिंग के समय से घर खरीदारों की पूरी राशि 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस की जाए, और एमराल्ड कोर्ट परियोजना के आरडब्ल्यूए को ट्विन टावरों के निर्माण के कारण हुए उत्पीड़न के लिए 2 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाए।
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