Advertisement

मेरठ: 19 वर्षीय बेटी ने लीवर देकर घायल पिता की बचाई जान, चारों तरफ हो रही प्रशंसा

Share
Advertisement

मेरठ कंकरखेड़ा में एक बेटी ने आधा लीवर देकर अपने पिता की जान बचाई है। एक माह पहले उसके पिता एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए और लीवर डेमेज हो गया था। बेटी ने अपने पिता को आधा लीवर डोनेट कर उनके जीवन को सुरक्षित कर दिया। बेटी के द्वारा किए गए इस कार्य की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है। घायल पिता की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। लीवर नहीं मिलने पर बेटी ने ही अपने पिता को लिवर डोनेट करने का फैसला किया।

Advertisement

पिता और बेटी दोनों पूरी तरह स्वास्थ्य है। कंकरखेड़ा की न्यू सैनिक कॉलोनी निवासी 43 वर्षीय जितेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी चार बेटी व एक बेटा है वह 510 वर्कशॉप में टेक्निकल विभाग में है। लगभग एक महीना पूर्व बाइक से शाम के समय वापस घर लौट रहे थे। इसी बीच शिव चौक के पास सड़क हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। परिजनों ने घायल अवस्था में जितेंद्र को अस्पताल में भर्ती कराया था जहां चिकित्सकों ने बताया कि इनका लीवर चोट लगने की वजह से डैमेज हो गया है। एक सप्ताह तक अस्पताल में रहने के बाद चिकित्सकों ने जितेंद्र की छुट्टी कर दी थी। इसके बाद जितेंद्र अपने घर आ गए थे जितेंद्र ने बताया कि बीती 3 जुलाई को अचानक से उनके मुंह, कान व नाक से खून निकलने लगा था जिसके बाद परिजनों ने जितेंद्र को दोबारा से अस्पताल में भर्ती कराया था। चिकित्सकों ने हालत गंभीर देखते हुए जितेंद्र को नोएडा के फोर्टिस अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था जहां हर दूसरे दिन जितेंद्र को लगभग 5 से 6 यूनिट ब्लड चढ़ता था।

इसके बाद चिकित्सकों ने परिजनों से लीवर की व्यवस्था करने के लिए कहा वहीं जितेंद्र की हालत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही थी लेकिन लीवर की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी जिसके बाद जितेंद्र की सबसे छोटी बेटी 19 वर्षीय आरती सिंह ने अपने पिता को अपना आधा लिवर डोनेट करने के लिए कहा था। बेटी की बात सुनकर परिजनों के भी होश उड़ गए लेकिन बेटी ने कहा कि वह अपने पिता की जान बचाने के लिए अपना आधा लिवर डोनेट करेगी। जिसके बाद चिकित्सकों की टीम ने आरती का पूरा चेकअप किया सभी रिपोर्ट सही आने के बाद चिकित्सकों  सर्जरी कर दी दोनों पिता-पुत्र पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

पिता ने बताया कि चिकित्सकों के अनुसार उनकी बेटी सबसे कम उम्र की लीवर डोनेट करने वाली छात्रा है चिकित्सकों ने भी उनकी बेटी की खूब प्रशंसा की। जितेंद्र ने बताया कि उनकी बेटी आरती ने इसी वर्ष 12वीं कक्षा की परीक्षा प्रथम नंबरों से पास की है उनकी बेटी आरती बीएससी फर्स्ट ईयर में एडमिशन का प्रयास कर रही है। अपनी बेटी के इस फैसले पर पिता की आंखों में भी आंसू आ गए पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। अस्पताल में उपचार के दौरान उन्हें होश नहीं था जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी ने उन्हें लिवर डोनेट किया है तो उनकी आंखों से आंसू निकल गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *