आज मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि Srikrishan JanamBhumi और ईदगाह Edgah जमीन विवाद को लेकर सिविल कोर्ट Civil Court में सुनवाई हुई. श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से 13.37 एकड़ जमीन पर दावा किया गया. ट्रस्ट ने जमीन के कागजात भी कोर्ट में जमा कराए. कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट SriKrishna JanamBhumi Trust ने जिसमें ईदगाह भी शामिल है, उसके मालिकाना हक के कागज सिविल कोर्ट में पेश किए.
सुनवाई के लिए अगली तारीख नहीं हुई तय
बताया जा रहा है कि, कोर्ट ने पत्रावली को रिजर्व रख लिया है. हालांकि, इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख अभी तय नहीं की गई है. मामले को लेकर श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के वकील मुकेश खंडेलवाल ने बताया कि आज उन्होंने कोर्ट में विवादित भूमि के मालिकाना हक के खसरा खतौनी और नगर निगम के डॉक्यूमेंट कोर्ट में पेश कर दिए.
19 मई को हुई थी सुनवाई
इससे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर 19 मई को मथुरा कोर्ट में सुनवाई हुई थी. जिसके बाद कोर्ट ने याचिका को स्वीकर कर लिया था. कोर्ट ने कहा था कि मामले में अब आगे की सुनवाई सिविल कोर्ट में होगी. पहले इस याचिका को सिविल कोर्ट ने बिना सुनवाई के खारिज कर दिया था.
1968 के समझौते को दी गई चुनौती
बता दे कि, साल 1968 में कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच हुए समझौते को अदालत में चुनौती दी गई है. यह चुनौती सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णुशंकर जैन, रंजना अग्निहोत्री आदि ने खुद को भगवान श्रीकृष्ण का भक्त बताते हुए दी है. अर्जी में उन्होंने कहा कि, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट जमीन का असली मालिक है, सेवा संस्थान को इस समझौते का अधिकार नहीं था.