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झांसी: बेटे की अस्थियां लेकर धरने पर बैठा पिता, अस्पताल पर लगाया आरोप

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झांसी के रेलवे अस्पताल में तैनात चिकित्सक महेंद्र यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एक रेलकर्मी गुरुवार को अपने बेटे की अस्थियां लेकर अस्पताल में भूख हड़ताल पर बैठ गया। रेलकर्मी अरविन्द कुमार शुक्ला ने आरोप लगाया कि अप्रैल 2021 में उसके 24 वर्षीय बेटे अक्षत को इलाज के लिए रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया था और चिकित्सक की लापरवाही के कारण अक्षत की मौत हो गयी थी। दूसरी ओर रेलवे अफसरों का कहना है कि रेलकर्मी के पुत्र की मृत्यु रेलवे अस्पताल में मौत नहीं हुई थी। यदि इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी।

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रेलवे अस्पताल के दरवाजे पर भूख हड़ताल पर बैठे रेलकर्मी अरविन्द कुमार शुक्ला के अनुसार कोविड के समय 27 अप्रैल 2021 को मैंने अपने बेटे को भर्ती कराया था। बेटे को वार्ड में भर्ती कर लिया गया और 2 मई को जबर्दस्ती मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जबकि वहां पलंग खाली नहीं था। इससे पहले डॉक्टर ने मेदांता भेजने के लिए दस हजार रूपये की मांग की। मेडिकल कॉलेज में बेड खाली नहीं था और जब बच्चे को वापस लेकर पहुंचा तो डॉक्टर ने भर्ती करने से मना कर दिया।

अरविन्द ने बताया कि डॉ महेंद्र यादव से मैंने फिर से मेदांता रेफर करने की मांग की तो उन्होंने बीस हजार रूपये की मांग की। मेरे पास रूपये नहीं थे तो बच्चे को लेकर भोपाल पहुंचे और वहीं मेरे बेटे की 6 मई को मौत हो गई। जब मैंने वापस आकर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तो मेरे घर गुंडे भेजकर धमकी दिलाई। मेरी मांग है कि डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाये।

दूसरी ओर झांसी मंडल रेलवे के जन संपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इनके पुत्र की मृत्यु रेलवे अस्पताल में नहीं हुयी थी। डॉ महेंद्र यादव के खिलाफ लगे आरोप पर जांच हुई थी, जिसमें उन्हें दोषी नहीं पाया गया था। यदि कोई शिकायत है तो उच्च स्तरीय जांच कराई जा सकती है।

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