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कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में उच्च न्यायालय ने दिया महत्वपूर्ण निर्देश

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High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में पंद्रह मुकदमों को एक करने का निर्देश पारित किया। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने सिविल प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश IV-ए के तहत एक हिंदू पक्ष (वादी) द्वारा दायर एक आवेदन के बाद आदेश पारित किया। मुक़दमे में मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद को इस आधार पर हटाने की मांग की गई है कि यह कृष्ण जन्मभूमि भूमि पर बनाई गई थी। ये मुकदमा पहले मथुरा की एक सिविल अदालत में पेंडिंग था। हालांकि, मई 2023 में, उच्च न्यायालय ने इन मुकदमों को अपने पास ट्रांसफर कर लिया।

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High Court: मुकदमा इकठ्ठा करने के पीछे दिया गया तर्क

वकील ने तर्क दिया कि मामला शुरू में 25 सितंबर, 2020 को मथुरा में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के समक्ष था। इसके बाद, कटरा केशव देव की 13.37 एकड़ भूमि और विवादित ढांचे को हटाने से संबंधित समान प्रकृति के अतिरिक्त मुकदमे दायर किए गए। वकील ने कहा, कुल मिलाकर, उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई के लिए अठारह मुकदमे लंबित हैं। आगे यह बताया किया गया कि मुकदमों के एकीकरण से न्यायालय के समय के साथ-साथ पक्षों के खर्चों को भी बचाया जा सकता है और परस्पर विरोधी निर्णयों की संभावना से बचा जा सकेगा।

High Court: 11 जनवरी को कोर्ट ने दिया ऑर्डर

कोर्ट ने 11 जनवरी को दिए आदेश में कहा, “ये मुकदमे समान प्रकृति के हैं। इन मुकदमों में कार्यवाही शुरू की जा सकती है और सामान्य साक्ष्य के आधार पर मुकदमों का फैसला एक साथ किया जा सकता है। अदालत का समय बचाने के लिए, पार्टियों पर होने वाले खर्च को बचाने के लिए, न्याय के हित में मुकदमों को एक-दूसरे के साथ समेकित करना सही प्रतीत होता है”

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