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ठेले पर फल बेचने वाले का बेटा बना अपर पुलिस अधीक्षक, पढ़िए संघर्ष की कहानी

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यूपी के मऊ जिले के भीटी के पास ठेले पर फल बेचने वाले गोरख सोनकर के बेटे अरविंद सोनकर डिप्टी एसपी बने हैं। आप को बता दें कि गोरख सोनकर मऊ सदर के ग्राम नासोपुर के रहने वाले हैं। इनके परिवार में पांच बहन व दो बहनें हैं।

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इनकी माल खराब होने के कारण अपने परिवार की जीविका ठेला लगा कर फल बेचने से चलती है। लेकिन गोरख सोनकर का अरमान था कि उनका बेटा एक दिन कोई बड़ा अधिकारी बने। अरविंद सोनकर भी अपने पिता के सपनों को साकार करने में रात दिन मेहनत कर पढ़ाई करता रहा और जब उसे समय मिलता था तो फल की दुकान पर बैठकर फल भी बेचता था। अरविंद ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में परीक्षा दिया जिसमें 86वीं रैंक पाकर डिप्टी एसपी के पद पर चयन हुआ।

नसोपुर गांव निवासी गोरख सोनकर नगर के भीटी क्षेत्र में फल बेंचकर बड़ी कठिनाई से अपने परिवार का गुजारा करते थे। दो बेटों और एक बेटी में सबसे छोटा सुपुत्र अरविंद सोनकर बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में होनहार था। इनकी प्राथमिक शिक्षा रामस्वरूप भारती इंटर कालेज मऊ से हुई तथा स्नातक की शिक्षा इलाहाबाद में करते हुए सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए। पढ़ाई के प्रति अपने बेटे की लगन देखकर गोरख कड़ी मेहनत कर गर्मी की धूप हो या हाड़कपाऊ सर्दी या फिर बरसात में ढेले के ऊपर पालीथीन लगाकर सड़क के किनारे फल बेंचकर अपने बेटे अरविंद की शिक्षा में बाधा नहीं आने दी। परंतु असमय ही गोरख की पत्नी अर्थात अरविंद की मां का कैंसर के कारण देहावसान हो गया और इस सदमें के कारण गोरख को भी लकवा मार गया।

बताया जाता है कि इसके बाद से अरविंद की पढ़ाई का खर्च चलाना मुश्किल हो गया था। परंतु अरविंद के मामा ने आकर गोरख का फल वाला ठेला संभाल लिया और बहन के परिवार की परविश एवं भानजे की पढ़ाई का भार उठाने लगा। आज अरविंद के इस संघर्षपूर्ण सफलता पर जहां एक ओर परिवार के लोग फूले नहीं समा रहे हैं, वहीं क्षेत्र के लोगों का अरविंद के परिवार को बधाई देने के लिए तांता लगा हुआ है।

(मऊ से उमाकांत त्रिपाठी की रिपोर्ट)

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