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अलीगढ़ में डेंगू का कहर, अब तक 362 मरीज, 99 गांव और 43 मोहल्ले संवेदनशील

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Uttar Pradesh: अलीगढ़ में डेंगू के बढ़ते मरीज चिंता का विषय बने हुए है। अस्पतालों में जगह ना होने के कारण मारामारी चल रही है। जिले में डेंगू की स्थिति बेकाबू होने की कगार पर है। जिला अस्पताल के डेंगू वार्ड में एक ही बेड पर दो मरीज लेटे हुए हैं। नागरिक अस्पतालों में भी झड़पें हो रही हैं। गांवों और शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग और सफाई में लापरवाही के कारण यह बीमारी फैल रही है।

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शहर के 43 जिले और ग्रामीण इलाकों के 99 गांव विशेष रूप से डेंगू बुखार और मलेरिया के प्रति संवेदनशील बताए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर, बीमारी के मौसम की शुरुआत में जल उपचार से लेकर शुद्धिकरण और फॉगिंग तक की सिफारिश कर दी गई थी। एक सूची शहर और जिला पंचायत राज निगम के अधिकारियों को भेजी गई थी। लेकिन फॉगिंग कहां से आ रहा है यह कोई नहीं देख पा रहा है। यही हाल सफाई व्यवस्था का भी है।

सबसे बड़ी अराजकता नगर पालिका में शामिल क्षेत्रों में व्याप्त है। बीमारियां वहां फैलती हैं जहां सफाई कर्मचारियों और नियमित सफ़ाई की कमी होती है। कहीं पानी मिलता है तो कहीं कूड़े के पहाड़। जहां तक ​​ग्रामीण क्षेत्रों की बात है तो जिला स्वास्थ्य समिति की पिछली दो बैठकों में हुए विवाद के बाद अब फॉगिंग नजर आ रही है।

डेंगू से निपटने के लिए तैयारी

1.जिले में 210 डेंगू बिस्तर उपलब्ध कराए गए हैं।

2.जिला अस्पताल और दीनदयाल अस्पताल में 30-30 बेड आरक्षित किए गए हैं।

3.क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में 5-5 बिस्तर।

4.जेएन मेडिकल यूनिवर्सिटी में डेंगू के लिए 90 बेड आरक्षित हैं

5.50 घरों में संक्रमण के मामलों की पहचान की गई है और निवारक उपाय किए जा रहे हैं

6.कंपनी का कहना है कि वह हर दिन 18 मशीनों से फॉगिंग करती है।

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