ज्ञानवापी परिसर की थ्री-डी इमेजिंग के बाद अब GPR से होगी जांच, जानिए पूरी अपडेट
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में शनिवार को लगातार दूसरे दिन ASI का सर्वे जारी रहा। सुबह 7 बजे से दो पालियों में सात घंटे से ज्यादा समय तक चले सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष ने मस्जिद के मुख्य हॉल और तहखानों के ताले खोल दिए लेकिन चाबी देने से इनकार कर दिया। दूसरे दिन के सर्वे में भी विभिन्न बिंदुओं पर टेंपल आर्किटेक्ट सामने आए। हिंदू पक्ष ने दक्षिणी तहखाने में खंडित मूर्ति के साथ त्रिशूल और कलश मिलने का दावा किया है। वहीं, सर्वे टीम ने तहखाने के बुनियादी ढांचे की गहन जांच के लिए पहली बार डीजीपीएस मशीन का प्रयोग किया। रविवार को तीसरे दिन सर्वे में जीपीआर का प्रयोग किए जाने की संभावना है।
दूसरे दिन के सर्वे के लिए एएसआई की 53 सदस्यीय टीम सुबह आठ बजे ज्ञानवापी पहुंची। हिंदू पक्ष के साथ ही मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद, मो. एखलाक व रइस अहमद और मस्जिद के केयर टेकर एजाज अहमद भी पहुंचे। केयर टेकर द्वारा मस्जिद के मुख्य हिस्से का ताला खोल दिए जाने से सर्वे टीम ने वहां जाकर जायजा लिया। यहां खंभों व दीवारों पर कमल, फूल-पत्ती व अन्य चिह्नों को देखकर उसे रिपोर्ट में शामिल किया। पूरे हॉल की मैपिंग के साथ मशीन के माध्यम से पूरे ज्ञानवापी परिसर की थ्री-डी इमेजिंग की गई।
इस बीच मुस्लिम पक्ष द्वारा ताला खोल दिए जाने पर सर्वे टीम दक्षिणी तहखाने में भी दाखिल हुई। यहां दीवारों-खंभों पर बनी आकृतियों की वीडियोग्राफी करवाई गई और डीजीपीएस मशीन से सर्वे किया गया। सर्वे में लगी दो अन्य टीमों ने साक्ष्य जुटाने के लिए मस्जिद का कोना-कोना छाना। एक-एक स्थान, दीवार और खंभों की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराई। तेज बारिश के चलते शाम 5 बजे से पहले ही सर्वे का काम रोक दिया गया। रविवार से GPR से जांच शुरू करने को कानपुर आईआईटी के वैज्ञानिकों की टीम को बुलाया गया है।
हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी और याचिकाकर्ता सीता साहू ने दक्षिणी तहखाने के मलबे में करीब चार फीट की खंडित मूर्ति मिलने का दावा किया है। साथ ही मंदिर के टूटे खंभे के अवशेष, त्रिशूल व कलश मिलने की बात भी बताई। अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी का कहना है कि दूसरे दिन के सर्वे में मुस्लिम पक्ष ने पूरी तरह से सहयोग किया। यह सर्वेक्षण बीते वर्ष मई महीने में हुए अधिवक्ता आयुक्त कमीशन की कार्रवाई से बहुत ही अलग है। इसका स्वरूप व्यापक है और सबकुछ वैज्ञानिक पद्धति से हो रहा है। हालांकि मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने मूर्ति और अन्य वस्तुएं मिलने के दावे को गलत बताया है। सर्वे में शामिल हुए मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मो. एखलाक का कहना है कि हम जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और एएसआई सर्वे से संतुष्ट हैं। ज्ञानवापी परिसर में जहां भी बंद तालों को खोलने की जरूरत होगी, उसे अंजुमन इंतजामिया कमिटी की ओर से खोल दिया जाएगा, लेकिन चाबी नहीं दी जाएगी।
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