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जेडीयू के बीस सालः काटा केक, मनाया जश्न, लगे नीतीश जिंदाबाद के नारे

Twenty Years of JDU

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Twenty Years of JDU: जेडीयू के 20 साल पूरे होने पर जश्न का माहौल है। जेडीयू कार्यकर्ता और नेताओं ने पार्टी के 20 साल पूरे होने पर केक काटा और एक दूसरे को बधाई थी। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में हुए इस आयोजन में उमेश कुशवाहा ने केक काटा और सभी ने मिलकर जेडीयू जिंदाबाद और नीतीश कुमार जिंदाबाद के नारे लगाए।

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Twenty Years of JDU: नीतीश कुमार हैं बिहार के विश्वकर्मा- उमेश कुशवाहा

इस दौरान उमेश कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी हटाओ, देश बचाओ का जो नारा है, उसपर पार्टी के सभी लोग मजबूती से कार्य कर रहे हैं। उमेश कुशवाहा ने कहा कि हम पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हैं। बिहार के विश्वकर्मा नीतीश कुमार हैं। जब उनसे पूछा गया कि नीतीश प्रधानमंत्री बनेंगे, तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने की बात नहीं है। हमारे नेता में प्रधानमंत्री बनने के सभी मटेरियल हैं।

Twenty Years of JDU: ‘2024 कमाल दिखाएगा इंडी गठबंधन’

उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन अपना आकार ले चुका है। 2024 में इसे आप देख लेंगे। सम्राट चौधरी की बात पर ध्यान ही नहीं देते हैं। कोई कुछ बोले तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इंडी गठबंधन 2024 में अपना कमाल दिखाएगा।

2019 में 16 लोकसभा सीटें जीतकर बनीं थी सातवां सबसे बड़ा दल

बिहार की राजनीति में मजबूत साख रखने वाली और लंबे अरसे से प्रदेश की सत्ता की कमान संभालने वाली जेडीयू एक प्रमुख राजनीतिक क्षेत्रीय दल है। 2019 लोकसभा की बात करें तो 16 लोकसभा सीटें जीतकर जेडीयू देश में सातवां सबसे बड़ा दल बना।

Twenty Years of JDU: 30 अक्टूबर 2003 को आई थी अस्तित्व में

30 अक्टूबर 2003 को जनता दल(शरद यादव गुट), लोकशक्ति पार्टी और समता पार्टी के विलय से जेडीयू अस्तित्व में आया। चुनाव चिह्न था तीर और झंडा(हरे-सफेद रंग का)। चुनाव आयोग ने समता पार्टी का विलय रद्द कर दिया। इसके बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने ब्रह्मानंद मंडल लेकिन स्वास्थ्य की खराबी के चलते पार्टी की कमान उदय मंडल के हाथों में आई।

Twenty Years of JDU: 2005 से लगातार जीत की राह पर नीतीश कुमार

2005 विधानसभा चुनाव में जेडीयू कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई और एनडीए के साथ गठबंधन करते हुए प्रदेश की बागडोर संभाली। प्रदेश के मुखिया बने नीतीश कुमार। 2010 विधानसभा चुनावों में पार्टी ने प्रदेश की 115 सीटों पर जीत हासिल करते हुए अपनी शाख और मजबूत की। वहीं फिर से एनडीए के साथ प्रदेश की सत्ता अपने पास बरकरार रखी। जीत का सहरा फिर नीतीश के सिर सजा। साल था 2015 अब जेडीयू और बीजेपी की राह अलग हो चुकी थी। जेडीयू ने आरजेडी, कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और नतीजा फिर नीतीश के मुख्यमंत्री पद हैट्रिक रहा।

Twenty Years of JDU: गठबंधन बना फिर टूटा लेकिन सत्ता का साथ न छूटा

हालांकि यह तिकड़ी 2017 में टूटी और एनडीए से एक बार फिर गठबंधन कर नीतीश ने सत्ता अपने पास बरकरार रखी। एक बार फिर से 2020 में एनडीए के साथ चुनाव लड़ते हुए उन्होंने प्रदेश की जनता का विश्वास जीता। लेकिन इसके बाद बीजेपी और जेडीयू की राहें 2022 में अलग हो गईं। जेडीयू ने आरजेडी से गठबंधन किया। फिलहाल जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री और आरजेडी के तेजस्वी यादव प्रदेश के डिप्टीसीएम पद पर काबिज हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रदेश की सत्ता में जेडीयू 2005 से लगातार बरकरार है।

रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार

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