बिहार में कोरोना से हाहाकार, पटना में 24 घंटे में 40 बच्चों समेत 522 लोग COVID पॉजिटिव; JDU ऑफिस सील

बिहार में एक बार फिर कोरोना ने सभी जिलों में अपनी दहस्त फैला दी है। केवल अरवल जिले में मंगलवार दोपहर तक एक भी एक्टिव केस नहीं है। वहीं, राजधानी पटना कोरोना वायरस का हाट स्पॉट बन गया है। मंगलवार दोपहर को आई 24 घंटे की रिपोर्ट में 522 नए लोग पॉजिटिव मिले हैं। जिनमें 2 से लेकर 17 साल की उम्र के लगभग 40 बच्चे शामिल हैं। जिनमें एक डॉक्टर संक्रमित मिले हैं। बताया जा रहा है कि वह 26 से 28 दिसंबर तक पटना में आयोजित IMA के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में शामिल अब तक करीब 200 डॉक्टर कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।

गौरतलब है कि बच्चों में बढ़ रहे कोरोना के मामलों से स्कूलों में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। सीएम की बैठक में स्कूलों को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है।
वहीं, पटना स्थित JDU ऑफिस को भी सील कर दिया गया है। ऑफिस का गार्ड समेत 5 लोगों कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। दूसरी ओर, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रिंसिपल भी संक्रमित हैं। वो पहली और दूसरी लहर में भी संक्रमित हुए थे।
सोमवार को बिहार में NMCH (नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) के 72 डॉक्टर और मेडिकल छात्र समेत 344 पॉजिटिव केस मिले हैं। इनमें पूर्व CM जीतनराम मांझी के बॉडीगार्ड, पीए समेत पूरा परिवार संक्रमित पाया गया है।

सोमवार को CM नीतीश कुमार के जनता दरबार में भी जांच के दौरान 14 लोग पॉजिटिव पाए गए। 6 संक्रमित तो मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर चुके थे। राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 1,385 हो गई है। अब प्रदेश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 7,27,873 तक पहुंच गया है, जिनमें से 7,14,391 लोगों ने कोरोना को मात दी है। जबकि, 12,096 लोगों की मौत हुई है।
3 दिनों में ही टूटा एक माह का रिकॉर्ड
राज्य में नए साल के 3 दिनों में ही कोरोना ने एक माह का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिसंबर के 31 दिनों में 673 नए मामले दर्ज हुए थे, तो जनवरी के सिर्फ 3 दिन में ही 977 नए केस आ चुके हैं। यह आंकड़ा 45% अधिक है। वहीं, अगर कहा जाए कि पूरे दिसंबर के बराबर केस केवल नए साल के शुरुआती दो दिन में आ गए हैं तो गलत नहीं होगा। एक और दो जनवरी के केस को मिलाकर 633 मामले हो गए हैं, जो दिसंबर के 673 केस से सिर्फ 40 ही कम है।
राजधानी पटना में हर दिन कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में कुल 160 मामले आए हैं। 28 दिसंबर को पटना में 10 नए मामले आए थे और 29 दिसंबर को 26, 30 दिसंबर को यह संख्या 60 पहुंच गई। 31 दिसंबर को नए मामले 105 हो गए थे। एक जनवरी को पटना में 136 नए मामले आए और 2 जनवरी को 143 नए मामले के बाद 24 घंटे में आंकड़ा 160 पहुंच गया। संक्रमण की यह रफ्तार डराने वाली है। स्वास्थ्य विभाग ने पटना में बढ़ते संक्रमण को लेकर लोगों को अलर्ट किया है। मास्क और सोशल डिस्टेंस को लेकर विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है।

सबसे ज्यादा मामले पटना से
सोमवार को सर्वाधिक 160 नए संक्रमित पटना जिले में पाये गये हैं। जबकि, गया जिले में 68 और मुजफ्फरपुर जिले में 11 नए संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा बेगूसराय, भागलपुर और दरभंगा जिले में सात-सात, अररिया जिले में तीन, औरंगाबाद जिले में दो, बांका जिले में एक, पूर्वी चंपारण जिले से एक, गोपालगंज में दो, जमुई में एक, जहानाबाद में चार, खगड़िया में दो, किशनगंज में एक, लखीसराय में पांच, मधेपुरा में तीन, मधुबनी में एक, मुंगेर में नौ, नालंदा में दो, नवादा में तीन, रोहतास में एक, सहरसा में पांच, समस्तीपुर में दो, शेखपुरा में एक, शिवहर में एक, सीतामढ़ी में एक, सीवान में तीन, सुपौल में एक, वैशाली में दो और पश्चिम चंपारण जिले में चार नए संक्रमित पाए गए हैं।

अब आलम ये है कि मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। पटना एम्स में कोविड वार्ड से 24 घंटे में एक मरीज को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है, जबकि 4 नए मरीज भर्ती हुए हैं। इस समय एम्स में कुल 10 मरीज भर्ती हैं। जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई गई है। वह वेंटिलेटर पर है, बाकी 8 को ऑक्सीजन की आवश्यकता है। एक ही मरीज ऐसा है, जो बिना ऑक्सीजन के है। वह पहले से गुर्दे की बीमारी के मामले में डायलिसिस पर है

बिहार में संक्रमण की रफ्तार से रिकवरी रेट में भी कमी आई है। रिकवरी रेट 98.15% हो गई है, जो 30 नवंबर को 98.66% थी।
पटना शहर में पॉजिटिव आने वाले 90 फीसदी लोगों में लक्षण नहीं है। 10 फीसदी लोगों में सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार के लक्षण हैं। अभी अस्पताल और ऑक्सीजन की जरूरत लोगों में नहीं है। गंभीर बीमारी वाले लोगों को अस्पताल की जरूरत है।