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Madhya Pradesh: सावन के पांचवें सोमवार पर क्या है महाकालेश्वर मंदिर में खास, जानिए

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सावन का आज पांचवां सोमवार है। सावन में पौराणिक ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर की भव्य भस्म आरती हुई, जिसमें ब्रह्मांड से आये भक्तों ने भाग लिया। श्रावण मास में भगवान महाकाल प्रजा का हाल चाल दर्शन के लिए नगर भ्रमण पर भी जाते हैं। इस दौरान शिव भक्तों का पूरा हौसला देखने को मिला।

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इस साल सावन 58 दिन का है। जिसमें आठ सोमवार आ रहे हैं यही वजह है कि शिव भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। श्रावण मास के सोमवार को भगवान महाकाल के दरबार में अद्भुत भस्म आरती हुई। इसमें शामिल होने के लिए यूनिवर्सिटल के अवशेष म्युनिसिपल द्वीप। महाकालेश्वर मंदिर के पंडित गौरव पुजारी ने बताया कि सबसे पहले भगवान महाकाल का पंचामृत पूजन किया गया। इसके बाद भगवान का भांग, घटिया मेवे आदि का प्रयोग किया गया। महाकालेश्वर मंदिर में विधि विधान के साथ भस्म आरती हुई, जिसे देखने के लिए विश्वनाथ के शिवभक्त देश भर में थे। रीना गुप्ता ने बताया कि पहली बार महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि भस्म आरती के दर्शन के दौरान ऐसा अद्भुत हुआ कि मनो भगवान शिव स्वयं प्रकट होकर भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। भस्म आरती का चित्रण शब्दों में बयान करना नामुम्किन है।

सावन मास के पांचवें सोमवार भगवान महाकाल के दरबार में विशेष पूजा-अर्चना का दौर दिनभर चलेगा। भगवान महाकाल का लगातार दूध और जल से अभिषेक चल रहा है। इसके बाद प्रातः कालीन भोग आरती, संध्या कालीन आरती और शयन आरती होगी। श्रावण मास के सोमवार को होने वाली भस्म आरती में भगवान को फलाहार का ही भोग लगता है। जब तक भगवान प्रजा का हाल-चाल जानकर वापस नहीं लौटते हैं तब तक उन्हें अन्न का भोग नहीं लगाया जाता है।

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