शिवराज सिंह चौहान ने 16 साल तक इछावर नगर से बनाए रखी दूरी, क्या रही वजह
मध्य प्रदेश का बीते चार कार्यकालों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस दौरान, वे 16 साल तक राज्य के प्रधानमंत्री रहे। मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने अपने गृह जिले सीहोर के इछावर नगर से दूरी बनाए रखी, लेकिन प्रदेश भर के लगभग सभी जिलों का दौरा किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कार्यकाल भी समाप्त हो गया है और राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है, लेकिन वे एक बार भी इछावर की धरती पर नहीं आए।
इछावर नगर का चुनावी इतिहास
वहीं मुख्यमंत्रियों ने इछावर के मिथक को तोड़ने की कोशिश की है, लेकिन सभी ने इछावर की धरती पर कदम नहीं रखा। तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 15 नवंबर 2003 को इस मिथक को तोड़ने के लिए इछावर में एक सहकारी सम्मेलन में भाग लिया, लेकिन इसके बाद कांग्रेस को प्रदेश में हुए चुनाव में हार मिली। 12 जनवरी 1962 को डॉ. कैलाश नाथ काटजू को भी विधानसभा चुनाव के एक कार्यक्रम में शामिल होने का आदेश मिला। कांग्रेस ने इसके बाद 11 मार्च 1962 को हुए विधानसभा चुनावों में हारी और डॉ. कैलाश नाथ काटजू ने पद छोड़ दिया। द्वारका प्रसाद मिश्र भी 1 मार्च 1967 को पद पर आए थे, लेकिन 7 मार्च 1967 को नए मंत्रिमंडल के गठन से असंतोष के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा।
CM शिवराज ने बनाई इछावर नगर से दूरी
इछावर बीजेपी का गढ़ रह चुका है, बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने इछावर विधानसभा से दू री बना ली है। वहीं करण सिंह वर्मा पिछले 7 वर्षों से यहां से विधायक हैं। बीजेपी ने इस बार भी करण सिंह वर्मा को अपना प्रत्याशी चुना है। 1985 से बीजेपी इछावर विधानसभा में सरकार चला रही है। 2013 में कांग्रेस ने इसे छीन लिया था, लेकिन 2018 के चुनाव में बीजेपी ने फिर से जीत हासिल की।
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