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केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट चीता को एक और बड़ा झटका, कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत

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केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट चीता को एक और बड़ा झटका लगा है। कूनो नेशनल पार्क में एक मादा चीते की मौत हो गई है। मादा चीता का नाम धात्री था। बता दें कूनो नेशनल पार्क की तरफ से इस संबंध में एक बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया कि मादा चीता की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए उसके शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।

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बता दें कूनो के प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया है कि एक और चीता की मौत हो गई है। धात्री की मौत के बाद अब कूनो में मरने वाले चीतों की कुल संख्या नौ हो गई है, जिनमें से तीन शावक थे। साल 2022 में नामीबिया से आठ और साउथ अफ्रीका से 12 चीते लाकर कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए थे।

बता दें कि श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में 26 जून को ‘सूरज’ चीता को देर शाम बड़े बाड़े से खुले जंगल में आजाद कर दिया गया था। सूरज 10वां चीता था, जो कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में छोड़ा गया था। वहीं, साउथ अफ्रीका से लाए गए और बाड़े नंबर 6 में रखे गए नर चीता ‘तेजस’ की मौत भी मौत 11 जुलाई को हो गई थी।

बीते दिनों मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने चीते की मौत को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, “कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों की मौत होने के बावजूद अब तक ऐसी कोई योजना सामने नहीं आई है, जिसमें इन वन्य प्राणियों के जीवन को संरक्षित करने की कोई पहल की गई हो।

उन्होंने कहा था कि राजनैतिक प्रदर्शन-प्रियता के लिए वन्य प्राणियों को शोभा की वस्तु बनाना, लोकतंत्र के चुने हुए प्रतिनिधियों को शोभा नहीं देता. मैं जिम्मेदार लोगों से आग्रह करता हूं कि वह पर्यावरणविद् और वैज्ञानिकों से चर्चा कर शीघ्र ही ऐसा कोई प्लान बनाएं, जिनसे इन प्राणियों के जीवन की रक्षा हो सके।”

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