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Bihar: सच हुई सुशील मोदी की भविष्यवाणी, नीतीश के कंधों पर जिम्मेदारी

Lalan Singh Resigned

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Lalan Singh Resigned:  जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक। बैठक में ललन सिंह का इस्तीफा। सुशील कुमार मोदी की भविष्यवाणी। आप एक बार को सोच रहे होंगे कि इन पहले तीन वाक्यों का तारतम्य क्या है। तो हम आपको बता दें कि तारतम्य में सबसे अहम है तीसरा वाक्य, मतलब सुशील कुमार मोदी की भविष्यवाणी।

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Lalan Singh Resigned: सच साबित हुईं अटकलें

दरअसल कुछ दिनों पहले ही बीजेपी सांसद और बिहार में बीजेपी का प्रमुख चेहरा सुशील कुमार मोदी ने यह बात कही थी कि जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह इस्तीफा सौंपेंगे। हुआ भी ऐसा ही। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का दारोमदार नीतीश कुमार के कंधों पर आ गया। कुछ ही समय में इसकी आधिकारिक घोषणा भी हो जाएगी। ललन सिंह के इस्तीफे के बाद तमाम राजनेताओं की अटकलों पर विराम लग गया। या यूं कहें कि अटकलें सच साबित हुईं।

उपेंद्र कुशवाहा ने भी कही थी यह बात

कुछ दिन पूर्व आरएलजेडी(RLJD) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी कहा था कि ललन सिंह घुटन में जी रहे हैं। वह कुछ बड़ा निर्णय ले सकते हैं। उन्होंने नीतीश को प्रधानमंत्री बनने का सपना दिखाया जो पूरा नहीं हुआ। वहीं उपेंद्र ने कहा था कि नीतीश कुमार की साख खत्म हो चुकी है। तेजस्वी के नाम की घोषणा करना नीतीश का आत्मघाती कदम था।

कौन है जेडीयू का ‘विभीषण’

सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि ललन सिंह को लालू प्रसाद यादव से नजदीकियां भारी पड़ेंगी। इस मामले में एक अहम बात जो सुशील कुमार मोदी ने कही थी वह यह कि उन्हें जेडीयू के सूत्रों के हवाले से ये बात पता लगी है। जेडीयू में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। नीतीश कुमार की यह पुरानी आदत है कि वो लंबे समय तक किसी को निभा नहीं सकते। अब सुशील कुमार मोदी की यह बात अगर सच है तो जेडीयू को पता लगाना जरूरी हो जाता है कि आखिर उनके पार्टी में कौन है जो घर के भेद को बाहर बता रहा है।

आरजेडी और जेडीयू में सब कुछ ठीक है!

फिलहाल देखना लाजमी होगा कि नीतीश कुमार ललन सिंह को साइडलाइन करेंगे या उन्हें किसी और बड़ी जिम्मेदारी से नवाजा जाएगा। एक और बात यह कि जब प्रदेश में महागठबंधन की सरकार है और देश में भी विपक्ष एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ने की हुंकार भर रहा है तो ऐसे में क्या जेडीयू अभी भी आरजेडी का हस्तक्षेप पसंद नहीं करती है। क्या जेडीयू और आरजेडी के बीच सब कुछ ठीक है या फिर नीतीश का इरादा कुछ ओर है।

क्या बंद हो चुके एनडीए के द्वार

जेडीयू के इस निर्णय से राजनीतिक गलियारों में हलचल है। उपेंद्र कुशवाहा तो पहले ही कह चुके हैं कि अगर नीतीश एनडीए का हिस्सा बनना चाहें तो इसका निर्णय बीजेपी लेगी लेकिन वो उनकी पैरवी कर देंगे। वहीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज की मानें तो जेडीयू के लिए एनडीए के दरवाजे बंद हो चुके हैं।

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