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हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला आज, बेंगलुरु में धारा 144 लागू

कर्नाटक हिजाब विवाद पर आज कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला आने वाला है। हाईकोर्ट सुबह 10.30 बजे इस मामले में अंतरिम आदेश सुनाएगी। कर्नाटक चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच स्कूल-कॉलेजों में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर जाने पर फैसला देगी।

बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट में उडुपी की लड़कियों ने एक याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने तीन जजों की एक बेंच का गठन किया था। लड़कियों ने याचिका में मांग की थी कि उन्हें क्लास के अंदर भी हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि यह उनकी आस्था का हिस्सा है।

हिजाब विवाद अपडेट

  • कर्टनाटक के कोप्पल और गडग जिले में धारा 144 लागू
  • कलबुर्गी में धारा 144 लागू। यह 19 मार्च तक लागू रहेगी।
  • दावणगेरे और हासन जिले में भी धारा 144 लागू किया गया है।
  • शिवामोगा में स्कूल-कॉलेज को किया गया बंद। 21 मार्च तक धारा 144 लागू की गई है। किसी भी तरह के जश्न पर पाबंदी लगा दी गई है।
  • बेलगांव और चिक्कबल्लापुर में धारा 144 लागू।
  • बेंगलुरू में एक सप्ताह के लिए धारा 144 लागू। भीड़ इकट्ठा करने पर पाबंदी।
  • धारवाड़ में धारा 144 लागू की गई है।

क्या है हिजाब विवाद?

कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद जनवरी में शुरू हुई थी। यह विवाद उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी। कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने से मना किया था। लेकिन वो फिर भी हिजाब पहनकर आ गई थी।

मामले में लड़कियों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था। इसके बाद यह विवाद पूरे कर्नाटक में फैल गई थी। स्कूलों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किए गए थे। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फिलहाल दखल देने से इंकार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट मामले को देख रहा है।

विवाद को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म को अनिवार्य करने का फैसला किया था। इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तय यूनिफॉर्म ही पहनी जाएगी। निजी स्कूल अपनी खुद की यूनिफॉर्म चुन सकते हैं।

हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक लगाई रोक

हिजाब मामले में विवाद के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इसे तीन जजों की बेंच को ट्रांसफर कर दिया था। कोर्ट ने अगले आदेश तक सभी स्कूलों और कॉलेजों में धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक लगा दी थी।

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