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Bihar: लालू के समय कानून का नहीं बंदूक का राज चलता था, खौफ में जीते थे लोग: जेडीयू प्रवक्ता

JDU to RJD

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JDU to RJD: पटना में जनता दल यूनाइटेड ने राजा सुप्रीमो लालू प्रसाद के शासनकाल को लेकर सीधा हमला किया है। पार्टी के प्रवक्ताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आज भी लालू राज की याद आने पर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। पार्टी के पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक्सप्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से मुखातिब होते हुए जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश प्रवक्ता डॉ निहोरा प्रसाद यादव, हिमराज, प्रतिभा सिंह ने इस मुद्दे पर आरजेडी को निशाने पर लिया।प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर निहोरा प्रसाद यादव ने कहा कि जिस तरह बिहार में राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव भ्रम फैला रहे हैं उस पर एक कहावत मुझे याद आ रही है। यह ऊपर से छवि बनाने की कोशिश की जा रही है। आरजेडी कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उन दिनों को देखा होगा। हम लोगों ने नजदीकी से देखा है कि 15 वर्ष का राज कैसा था। तब कानून का राज नहीं चलता था बल्कि बंदूक का राज चलता था। किस प्रकार बिहार में भय पैदा किया जाता था।

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उन्होंने कहा, आज भी लालू राज याद आता है तो मेरे जैसे लाखों लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कैसे आग्नेय अस्त्र लेकर इनके शागिर्द सड़क पर भय पैदा करने के लिए घूमा करते थे। यह कोई छुपी हुई बात नहीं है। ऐसे हालात राज्य के हर हिस्से में होते थे। शाम 5:00 बजे के बाद गांव में रहना मुश्किल हो गया था। मेहनत मजदूरी करनी भी मुश्किल हो गई थी।

निहोरा प्रसाद यादव ने कहा, आज उनके बेटे कहते हैं कि बिहार में रामराज लाऊंगा। आप कैसे रामराज लेकर आएंगे? आप अपने पिता के कदम पर चल रहे हैं। आप पिता के कहने पर चल रहे हैं। फिर वही होगा। आपके हाथ में अगर सत्ता दे दी जाए तो आपका इतना बड़ा परिवार है और परिवार के लोग किस प्रकार से योजना शुरू करेंगे यह हम जानते हैं।

लालू प्रसाद के राज में किस तरीके से लोगों ने पलायन करना शुरू किया था। व्यापारी भाग रहे थे, रंगदारी मांगी जा रही थी। अपहरण किया जा रहा था। बिहार की राजधानी पटना में भी लोग सुरक्षित नहीं थे। जगह-जगह गोलियां-बम चलते थे। हत्याएं होती थीं. पुलिस प्रशासन मूक दर्शक बना रहता था। अगर कोई पकड़ा भी जाता था तो मुख्यमंत्री आवास से टेलीफोन चला आता था कि हमारा आदमी है, छोड़ दो। ऐसे हालात थे। आज बिहार के किसी भी व्यक्ति को तेजस्वी यादव पर विश्वास नहीं है और कोई भी व्यक्ति यकीन नहीं कर रहा है।

प्रवक्ता हिमराज़ ने कहा कि 2005 से पहले की सरकार थी। बिहार के क्या हालात थे और बिहार में क्या हो रहा था? मैं अपनी तरफ से यह कहना चाहता हूं कि जो पहले का बिहार था और आज का जो बिहार है. कानून व्यवस्था में कितना फर्क है, यह सब जानते हैं. 2005 से पहले जो बिहार था. शाम के 5:00 बजाने के बाद लोग घर से बाहर निकालना उचित नहीं समझते थे. लोग घर से बाहर बहुत ही मुश्किल से निकलते थे. पटना जंक्शन से डाक बंगला चौराहा तक जाना रात में मुश्किल था। लेकिन आज की हालत क्या है? एक शहर से दूसरे शहर रात हो या दिन लोग बेखौफ होकर जा रहे हैं। रात में स्टेशन पर उतरते हैं तो रुकने की जरूरत नहीं समझते हैं। यह बेखौफ बिहार हैं। रात में ही लोग अपने घर की तरफ चले जाते हैं। यह वही बिहार है। जिस बिहार को बीमारू बिहार कहा जाता था, आज यह विकसित बिहार के रूप में दिखाई पड़ रहा है।

रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार

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