Sanjay Singh: गिरफ्तारी से जमानत तक… यहां पढ़ें पूरी ख़बर
Sanjay Singh: आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को मंगलवार (2 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सजय सिंह नई आबकारी नीति मामले में जेल में थे। उन्हें 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने उनकी (Sanjay Singh) जमानत मंजूर की है। इसके साथ ही वे सभी राजनीतिक गतिविधियों में भी हिस्सा ले सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि वे कब और कैसे गिरफ्तार हुए थे? आइए मामला विस्तार से समझते हैं।
Sanjay Singh: क्या लगे थे आरोप?
4 अक्टूबर 2023 को संजय सिंह के आवास पर ED ने छापेमारी की। ये छापेमारी नई आबकारी नीति मामले में की गई थी। ED ने संजय सिंह के करीबियों के घर में भी रेड मारी थी। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक नई आबकारी नीति मामले में दिनेश अरोड़ा नाम का एक आरोपी था, जो बाद में सरकारी गवाह बना गया था। आरोपी दिनेश अरोड़ा के बयान के मुताबिक संजय सिंह पर आरोप लगे हैं कि संजय सिंह के कहने पर ही दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली के चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी के लिए फंड रेजिंग प्रोग्राम यानी चंदा जुटाने वाला एक कार्यक्रम आयोजित किया था।
Sanjay Singh: 32 लाख का चंदा किया था इकट्ठा
ईडी के मुताबिक आरोपी दिनेश अरोड़ा ने खुलासा किया था कि संजय सिंह के कहने पर ही पार्टी के लिए उसने 32 लाख का चंदा इकट्ठा किया था, जिसका चेक दिनेश अरोड़ा ने मनीष सिसोदियो को सौंपा था। यही नहीं, दिनेश अरोड़ा ने ये भी कहा कि उसका शराब से जुड़ा एक विवाद भी संजय सिंह ने मनीष सिसोदिया के जरिए सुलझाया था। दिनेश अरोड़ा ने दावा किया था कि वो संजय सिंह के जरिए ही मनीष सिसोदिया और सीएम अरविंद केजरीवाल से मिला था।
कई बार हुई जमानत याचिका खारिज
नई आबकारी नीति मामले को लेकर ही ED ने संजय सिंह से 4 अक्टूबर को करीब 10 घंटे पूछताछ की। और इसके बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया था। 21 दिसंबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में संजय सिंह को पहली बार पेश किया गया था। कोर्ट ने संजय सिंह की न्यायिक हिरासत को 10 जनवरी तक बढ़ा दिया था। निचली अदालत में जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब संजय सिंह हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन कोर्ट ने आप के राज्यसभा सांसद और ईडी की दलीलें पूरी सुनने के बाद 31 जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सिंह ने जमानत का अनुरोध करते हुए कोर्ट में आधार दिया था कि वह पिछले तीन महीने से हिरासत में हैं। जिस अपराध का आरोप उन पर मढ़ा जा रहा है, उसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। दूसरी ओर, जांच एजेंसी ने याचिका का विरोध करते हुए दलील दी थी कि 2021-22 की नई आबकारी नीति मामले में जो आर्थिक लाभ हुआ, उसे पाने, रखने, छुपाने और इस्तेमाल करने में सिंह शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया था दरवाजा
आप नेता ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए फरवरी में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसने दिल्ली शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने 7 फरवरी को सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जो दिल्ली से राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए हैं, लेकिन निचली अदालत को सुनवाई शुरू होने पर तेजी लाने का निर्देश दिया था।
इसके बाद 19 मार्च को फिर से संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज हो गई थी। लेकिन आज (2 अप्रैल) संजय सिंह को 6 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। बता दें कि गिरफ्तारी के बाद और 3 महीने पहले संजय सिंह ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।
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