नई दिल्ली: मोमोज एशिया के सबसे प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड्स (Death On Eating Momos) में से एक हैं। मोमोज, पकौड़ी जैसे आकार का दिखता है, जिसके अंदर अलग-अलग तरीके की स्टफिंग होती है और लोग इसको बड़े क्रेज के साथ खाना पंसद करते हैं। यह मुख्य रूप से नेपाल, तिब्बत और भारत में काफी फेमस है। इन्हें मैदा या आटे में लपेटकर उसमें स्टफिंग करके बनाया जाता है।
यह काफी सस्ता मिलता है 20 रुपये में 4-6 पीस। मूल रूप से यह स्वादिष्ट स्टफिंग (Death On Eating Momos) के साथ मैदे की लेयर से बनी होती हैं, जिसे स्टीम किया जाता है। आजकल मार्केट में कई तरह के मोमोज मिलते हैं। नरम मैदा की बॉल्स जो वेज या नॉन-वेज स्टफिंग से भरी होती हैं, जिन्हें कई तरह की मसालेदार चटनी और सॉस के के साथ खाया जाता है, हालांकि इनका ज्यादा सेवन सेहत के लिए खतरनाक होता है और आगे चलकर गंभीर तरीके से शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
लेकिन दिल्ली के एक शख्स मोमोज खाने (Death On Eating Momos) के कारण एक 50 साल के व्यक्ति की मौत हो गई है। एम्स के मुताबिक, उस व्यक्ति ने मोमोज को बिना चबाए निगल लिया था, जिससे उसका दम घुट गया था। मोमोज खाने के लिए AIIMS ने एडवाइजरी जारी की है और मोमोज खाने का सही तरीका बताया है। चलिए जानते हैं पूरी एडवाइजरी को…
स्ट्रीट फूड्स खाने का शौक सभी (Death On Eating Momos) को होता है तो आज हम बात करेगें रोड किनारे ओवन में स्टीम हो रहे नरम-नरम मोमोज आप सब ने एक ना एक बार खाए ही होगें कुछ का तो मोस्ट फेवरेट फूड भी होता है। हालांकि, मोमोज खाने के शौकीन लोगों के लिए एक बहुत बुरी खबर है। कुछ दिन पहले दिल्ली के एक व्यक्ति की मोमोज खाने से मौत हो गई थी उसकी मेडिकल जांच में पता चला था कि उसकी सांस की नली में एक मोमो फंस गया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। मोमोज के कारण दम घुटने और उससे न्यूरोजेनिक कार्डिएक अरेस्ट (Neurogenic cardiac arrest) आने की वजह से शख्स की मौत हो गई।
जिसके बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी (एम्स) ने एक एडवाइजरी (Death On Eating Momos) जारी करते हुए कहा है कि अगर आप मोमोज खाने के शौकीन हैं तो एम्स की इस एडवाइजरी को अनदेखा ना करें। एम्स के विशेषज्ञों ने मोमोज खाने वालों को चेतावनी जारी करते हुए एडवाइजरी जारी की। इस एडवाइजरी में कहा गया कि मोमोज चिकना और काफी फिसलने वाला होता है। यदि कोई मोमोज को ठीक से नहीं चबाएगा और उसे ऐसे ही निगल लेगा तो उसका दम घुट सकता है। इसलिए हमेशा इस बात का खास ख्याल रखें।
मोमोज के ऊपर की लेयर मैदा से बनाई जाती है। मैदे में मिलाए जाने वाले ब्लीच केमिकल अग्न्याशय को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे इंसुलिन-उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है।
मोमोज के अंदर इस्तेमाल होने वाली सब्जियां और चिकन, लंबे समय तक रखे रहने से खराब हो जाती हैं। ऐसे इंग्रेडिएंट से बने मोमोज का सेवन करेंगे तो जाहिर सी बात है, आप बीमार हो जाएंगे।
लाल मिर्च को स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है, लेकिन उस लाल मिर्च में प्रोसेसिंग के जरिए कुछ मिलाया गया न हो तब, लेकिन मोमो बेचने वाले लोग मिर्च की क्वालिटी की चिंता नहीं करते। वे मार्केट से सस्ती या लोकल मिर्च पाउडर खरीदकर उसकी चटनी बनाते हैं। ऐसी चटनी खाने से बवासीर/पाइल्स होने का खतरा बना रहता है।
स्वाद के लिए मोमोज (Death On Eating Momos) में मोनो-सोडियम ग्लूटामेट (MSG) मिलाया जाता है। सोडियम ग्लूटामेट सफेद क्रिस्टल पाउडर की तरह होता है। जो न केवल मोटापे का खतरा बढ़ाता है, बल्कि नर्व डिसऑर्डर, पसीना आना, सीने में दर्द, मतली आना और हार्ट रेट बढ़ाने जैसे स्वास्थ जोखिम का कारण बन सकता है।
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