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Bilateral Joint Commission की बैठक के लिए नेपाल जाएंगे MEA एस जयशंकर

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Bilateral Joint Commission: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर द्विपक्षीय संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए नेपाल का दौरा करेंगे। इस दौरे में मंत्री कनेक्टिविटी और विकास सहित कई विकासात्मक कार्यों पर नेपाल के राष्ट्र प्रमुख के साथ बातचीत करेंगे। इसके लिए विदेश मंत्री 4-5 जनवरी को नेपाल का दौरा करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत की “पड़ोसी प्रथम” नीति के तहत दोनों देशों के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करना है। यात्रा के दौरान बिजली खरीद, कनेक्टिविटी और व्यापार जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। भारतीय सहायता से पूरी हुई कुछ विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया जा सकता है।

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Bilateral Joint Commission: इस साल की पहली विदेश यात्रा

विदेश मंत्री एस जयशंकर द्विपक्षीय संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता करने और कनेक्टिविटी से लेकर क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए काठमांडू में शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे। एस जयशंकर इस साल की अपनी पहली विदेश यात्रा करेंगे। इसके लिए पड़ोसी प्रथम नीति के तहत नेपाल को चुना है। जयशंकर विदेश मंत्री एनपी सऊद के निमंत्रण पर नेपाल का दौरा कर रहे हैं, जो उनके साथ संयुक्त आयोग की सातवीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। बता दें कि इस आयोग का गठन 1987 में किया गया था और यह द्विपक्षीय के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के लिए दोनों विदेश मंत्रियों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।

Bilateral Joint Commission: नेपाल के प्रमुख राजनीतिक हस्तियों से करेंगे मुलाकात

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यात्रा की घोषणा करते हुए एक बयान में कहा, यात्रा के दौरान, जयशंकर नेपाल के नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और प्रमुख राजनीतिक हस्तियों से मुलाकात करेंगे। मंत्रालय की ओर से आगे जानकारी दी गई, “नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत नेपाल भारत का प्राथमिकता वाला भागीदार है। यह यात्रा दो करीबी और मैत्रीपूर्ण पड़ोसियों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को ध्यान में रखते हुए है।” सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नेपाली नेतृत्व के साथ जयशंकर की बातचीत में जिन मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है उनमें भारत द्वारा अगले 10 वर्षों के भीतर नेपाल से 10,000 मेगावाट बिजली खरीदने के समझौते को आगे बढ़ाने साथ ही सड़क, रेल और नदियों के जरिए कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर चर्चा होगी।

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